Kanpur News: कालिंदी को बर्निंग ट्रेन बनाने का था प्लान
कानपुर (ब्यूरो)। कानपुर से फर्रुखाबाद जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को दहशतगर्दों ने बर्निंग ट्रे्न बनाने की साजिश रची थी, लेकिन वह फेल हो गए। घटनास्थल से मिला व्हाइट, येलो और ग्रे पाउडर पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है। इसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट राहुल देव के मुताबिक, पीला पाउडर गंधक है और व्हाइट पाउडर कैल्शियम, एलम या घातक केमिकल हो सकता है। इन सभी को मिलाकर धमाका किया जा सकता है। धमाके की इंटेनसिटी बढ़ाने के लिए पेट्रोल बम और उसके बाद टेंप्रेचर के साथ आग पकडऩे वाली एलपीजी (लिक्विड पेट्रोलियम गैस) से मिलकर जो धमाका होता तो तेज स्पीड से जा रही कालिंदी को बेपटरी होने से कोई नहीं रोक सकता था। रही सही कसर ट्रैक और ट्रेन व्हील के बीच का फ्रिक्शन और फिर स्क्रीचिंग से निकलने वाली चिंगारी, पूरी ट्रेन को बर्निंग ट्रेन बदल सकती थीं। लेकिन गनीमत रही कि बढ़ा हादसा टल गया।
दहशतगर्र्दों के टारगेट पर इंडियन रेल
दहशतगर्दों के निशाने पर इंडियर रेल है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण एक महीने में संडे रात हुई चौथी वारदात है। हालांकि दहशतगर्द अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। अगर कामयाब हो जाते तो न जाने कितनी जानें जातीं। इस बार फुल प्रूफ प्लानिंग भी की गई थी। बोतल में पेट्रोल और उससे निकलता सूती कपड़ा (पेट्रोल बम), माचिस, गंधक व पोटाश (धमाके के लिए मिश्रण से देशी बारूद बनाने में सहायक) इसके बाद जो सबसे खतरनाक एलपीजी सिलेंडर जिसके धमाके से इंजन का बे-पटरी होना कोई बड़ी बात नहीं थी। दहशतगर्दों के शातिराना हरकत इसी बात से अंदाजा लगाइए कि एक घटना की जांच पूरी नहीं हो पाती, दूसरी को अंजाम देने की न सिर्फ प्लानिंग बना ली जाती है बल्कि उसे अंजाम देने का सामान भी मौके पर पहुंचा दिया जाता है। इसके बाद रेलवे ट्रैक से कुछ दूरी पर ही दहशतगर्द अपना ठिकाना भी बना लेते हैैं।
बारिश ने मिटाए इविडेंस
तीन दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश की वजह से इविडेंस मिट गए हैं। जो लोग मौके पर रुके थे, उनके न तो फुट प्रिंट मिल सके हैैं और न ही पॉम साइन। दरअसल घटनास्थल से आसानी से ये चीजें फॉरेंसिक और जांच कर रही टीम को मिल सकती थीं लेकिन संडे देर रात से मंडे दोपहर तक रुक रुककर हो रही बारिश ने सारे निशान मिटा दिए। रही सही कसर क्राइम सीन पर पहुंचे लोगों ने और गाडिय़ों के धुएं ने पूरी कर दी। न तो दहशत गर्दों की स्मेल मिल पाई और न ही किसी एक्सप्लोसिव की।
कानपुर से फर्रुखाबाद जाने के दौरान रेलवे ट्रैक के पैरालल रोड बनी है, जिससे सडक़ मार्ग से लोग आते जाते हैैं। बस यही बात दहशतगर्दों के लिए मददगार साबित हो गई। घटनास्थल पर पहुंचा स्निफर डॉग वारदात को अंजाम देने वालों की गंध सूंघता हुआ रेलवे ट्रैक से 100 मीटर दूर स्थित ढाबे तक पहुंच गया। उसके बाद ढाबे से फिर वापस आया। रेलवे ट्रैक के आसपास 200 मीटर तक घूमने के बाद स्निफर डॉग मौजूद लोगों को गंध को लेकर भटक गया, जिससे वह इसके आगे पीछे नहीं जा पाया और फील्ड यूनिट की टीम स्निफर डॉग को लेकर चली गई।
दिनभर अधिकारियों की चहलकदमी
संडे देर रात ही एड़िशनल सीपी लॉ एंड ऑर्डर हरीश चंदर और डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह के साथ तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। मौके पर पुलिस को छिबरामऊ स्थित सियाराम स्वीट हाउस का झोला मिला, एक बोतल में पेट्रोल मिला और माचिस समेत तमाम संदिग्ध चीजें मिली हैैं। जिन्हें कब्जे में ले लिया गया। पुलिस की छह टीमें इस मामले के खुलासे के लिए लगाई गई हैैं। पुलिस की एक टीम ने छिबरामऊ से सियाराम स्वीट हाउस का डीवीआर कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। वहीं आस पास के लगभग दो दर्जन पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज चेक किए जा रहे हैैं। जिनमें ये जानकारी की जा रही है कि आखिर किस पेट्रोल पंप से बोतल में पेट्रोल खरीदा गया है।
दस संदिग्ध हिरासत में
पुलिस ने दस संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। लोकल लोगों से भी जानकारी ली जा रही है। जो लोग इस इलाके में नए आकर रह रहे हैैं, उनसे पूछताछ की जा रही है। मकनपुर से लेकर कानपुर तक पडऩे वाले ढाबों, होटलों, पेट्रोल पंप, धर्मशाला और विशेष समुदाय के लोग जांच कर रही एजेंसियों के रडार पर हैैं। एजेंसियों को इनपुट मिला है कि कुछ लोग यहां घूमते देखे जा रहे थे। घटनास्थल से चंद कदम की दूरी पर विशेष समुदाय का धार्मिक स्थल भी है, जहां कुछ लोग एक सप्ताह से देखे जा रहे थे। एजेंसियों का मानना है कि लोकल हैैंडलर्स ने यहीं पर धमाके की प्लानिंग तैयार की है। इस धार्मिक स्थल के पास शराब की बोतलें भी मिली हैैं। अब तक की जानकारी के मुताबिक इस गांव में विशेष समुदाय के पांच-छह परिवार हैैं। सभी परिवारों को जांच कर रही एजेेंसियों ने गांव न छोडऩे की हिदायत दी है।