फार्मेसी कॉलेजों की बाढ़, इंजीनियरिंग पर तालाबंदी
- यूपी में इंजीनियरिंग कॉलेजों से तीन गुना ज्यादा फॉर्मेसी संस्थान
- स्टूडेंट्स न मिलने से करीब चार दर्जन इंजीनियरिंग कॉलेजों में लग चुका है ताला, 100 से ज्यादा बंदी की लाइन में लगे - इंजीनियरिंग कॉलेजों से तीन गुना ज्यादा फार्मेसी के डिप्लोमा-डिग्री इंस्टीट्यूट, प्रदेश में संख्या में 800 से ऊपर संस्थान KANPUR: इंजीनियरिंग कॉलेजों में जहां तालाबंदी का दौर शुरू हो गया है वहीं फार्मेसी के डिप्लोमा व डिग्री संस्थानों की बाढ़ आ गई है। यूपी में बीटेक कॉलेजों की तुलना में तीन गुना फार्मेसी इंस्टीट्यूट खुल गए हैं। पॉलीटेक्निक में फार्मेसी के इसी सेशन में 300 नये डिप्लोमा संस्थान खुले हैं। जबकि बीते तीन साल में स्टूडेंट न मिलने से प्रदेश के 42 इंजीनियरिंग कॉलेजों में ताला लग चुका है और 112 कॉलेजों बंदी की लाइन में लगे हैं। कानपुर में 5 से ज्यादाइंजीनियरिंग डिग्री के क्रेज के चलते दो दशक पहले प्रदेश में धड़ाधड़ इंजीनियरिंग कॉलेज खुल रहे थे। एक-एक शहर में 5 से ज्यादा कॉलेज खुल गए थे। फटाफट सीटें भी फुल हो जाती थीं। लेकिन बीते 5 सालों से इंजीनियरिंग संस्थानो की हालत खराब हो गई है। स्टूडेंट्स न मिलने से तीन सालों में प्रदेश के 42 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो चुके हैं। प्रदेश में वर्तमान में 243 इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हैं। वहीं फार्मेसी का बूम आने से कानपुर सिटी में 15 से ज्यादा फार्मेसी के डिप्लोमा व डिग्री संस्थान चल रहे हैं। पूरे यूपी की बात करें तो फार्मेसी के 818 इंस्टीट्यूट हो गए हैं। जबकि बिहार व उत्तराखण्ड को मिलाकर सिर्फ 75 फॉर्मेसी इंस्टीट्यूट हैं। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने फार्मेसी के नये इंस्टीट्यूशन खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
फैक्ट फाइल 42 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो चुके हैं तीन साल में 112 कॉलेजों ने बंदी के लिए मांगी है परमीशन 243 इंजीनियरिंग कॉलेज प्रदेश में वर्तमान में चल रहे 818 फार्मेसी के डिग्री-डिप्लोमा इंस्टीट्यूट प्रदेश में 400 के करीब पॉलीटेक्निक में फॉर्मेसी कोर्स शुरू 15 से ज्यादा फॉर्मेसी कॉलेज कानपुर में चल रहे हैं वर्जन यूपी में बीटेक के 243 एकेडमिक इंस्टीट्यूशन रन कर रहे हैं। बीते तीन साल में 42 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हुए हैं। 112 अन्य कॉलेजों ने बंद करने की परमीशन मांगी है। वहीं प्रदेश में फार्मेसी के 818 इंस्टीट्यूशन चल रहे हैं। डॉ। मनोज कुमार तिवारी, डायरेक्टर, एआईसीटीई नार्दन रीजन