- सिटी में डेंगू से 70 से ज्यादा मौतें फिर भी हेल्थ डिपार्टमेंट नहीं ढूंढ पा रहा मृतकों के घर, सरकारी आंकड़ों में सिर्फ एक मौत ही दर्ज

KANPUR: सिटी में डेंगू के प्रकोप को कंट्रोल करने में नाकाम हेल्थ डिपार्टमेंट आंकड़ेबाजी के 'खेल' में भी फेल हो गया है। दरअसल लगातार डेंगू से हो रही मौतों के बाद भी हेल्थ डिपार्टमेंट इनकी पुष्टि नहीं कर सका। वहीं ऐसे मृतकों के घर का भी हेल्थ डिपार्टमेंट पता नहीं लगा सका। जबकि जमीनी स्तर पर 700 टीमें डेंगू कंट्रोल और रिपोर्टिंग के लिए लगाए जाने का दावा किया जाता है। इतना ही नहीं हेल्थ डिपार्टमेंट प्राइवेट पैथोलॉजी से हो रही जांचों की रिपोर्टिग को भी 'हजम' कर गया है। सिर्फ दो सरकारी लैबों की रिपोर्टो के आधार पर ही पेशेंट़्स की संख्या बताई जा रही है। जबकि सिटी की चार बड़ी प्राइवेट पैथोलॉजी में कार्ड के साथ एलाइजा टेस्ट भी किया जा रहा है।

आंकड़े कम दिखाने हैं

दरअसल, अभी सरकारी आंकड़ों में कानपुर में 1900 से ज्यादा पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। यह आंकड़े मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब और उर्सला की लैब के ही हैं। जबकि सिटी में 4 प्रमुख प्राइवेट पैथोलॉजी और एक कारपोरेट हॉस्पिटल भी कार्ड टेस्ट के साथ एलाइजा की जांच कर रहे हैं। यह सभी हेल्थ डिपार्टमेंट को डेली रिपोर्ट ईमेल करते हैं। इसके बाद भी हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार इन आंकड़ों को नहीं जोड़ते हैं और न ही इसके बाबत कोई जानकारी देते हैं। सिटी की एक नामी पैथोलॉजी के चीफ पैथोलॉजिस्ट बताते हैं कि उनके यहां अभी भी रोज 150 से ज्यादा सैंपल डेंगू की जांच के लिए लग रहे हैं, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा में रिपोर्टिग है। जिससे साफ है कि हेल्थ डिपार्टमेंट की पहली प्राथमिकता आंकड़ों में डेंगू कम दिख्ाना है।

नहीं ढूंढ पा रहे मृतक

सिटी में कोयला नगर समेत कई ऐसे इलाके हैं, जहां लोगों ने हेल्थ डिपार्टमेंट को डेंगू से मौत होने की सूचना दी, लेकिन डिपार्टमेंट के आफिसर्स की काहिली इस कदर है कि उनमें से एक के घर में लार्वासाइडल स्प्रे का छिड़काव करना तो दूर कोई सांत्वना देने भी नहीं पहुंचा। संडे को भी गोविंद नगर स्थित कारपोरेट हॉस्पिटल में बैंक इम्प्लाई की डेंगू से मौत को लेकर भी डिपार्टमेंट की हीलाहवाली सामने आई। जांच रिपोर्ट नहीं मिलने की बात सीएमओ की ओर से कही गई। जब उन्हें कर्मचारी का डेथ सर्टिफिकेट दिखाया गया तो उन्होंने मामले की जांच कराने की बात कह दी।

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डेंगू से 5 और मौतें

मंडे को भी डेंगू से 5 मौतें होने की सूचना मिली। गोविंद नगर स्थित कारपोरेट हॉस्पिटल में भर्ती नौबस्ता धोबिनपुलिया निवासी रामगोपाल मिश्रा की नातिन सृष्टि (9) को तीन दिन से बुखार आ रहा था। जांच में उसे डेंगू की पुष्टि हुई थी। इस बीच हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। इसके अलावा लाजपत नगर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती दर्शनपुरवा निवासी राजेश सविता के बेटे अनिरुद्ध की भी डेंगू से मौत हो गई। इसके अलावा रसूलाबाद की कमला देवी, उन्नाव काशीराम कालोनी निवासी मुशीर और महेश्वरी मोहाल निवासी नारायण शुक्ला की भी मौत हैलट इमरजेंसी के मेडिसिन डिपार्टमेंट में हुई। नारायण शुक्ला को डेंगू के साथ सीओपीडी की भी प्रॉब्लम थी।

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प्लेटलेट्स में भी रिएक्शन का खतरा

डेंगू में पेशेंट्स को ज्यादा प्लेटलेट्स चढ़ाने के भी खतरे हैं। कई बार प्लेटलेट चढाते वक्त आटो रिएक्टिविटी के चलते काउंट बढ़ने की बजाय घटने लगता है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। अरविंद कुमार ने बताया कि डेंगू होने पर एक निश्चित स्तर पर प्लेटलेट्स गिरने पर ही उसे चढ़ाया जाना चाहिए। लगातार प्लेटलेट्स चढ़ाने से आटो रिएक्शन होता है।

Posted By: Inextlive