Kanpur News: ब्लैक होल जैसी है न्यूट्रान तारों की आंतरिक संरचना, अंतरिक्ष वेधशाला ’एस्ट्रोसैट’ से मिले आंकड़ों से मिली जानकारी, अंतरिक्ष में वर्ष 2015 से काम कर रहा है भारत का एस्ट्रोसैट
कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी कानपुर ने अंतरिक्ष में मौजूद ब्लैक होल जैसे न्यूट्रान तारों की आंतरिक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है। न्यूट्रान तारों के अंदर एक साथ तीन तरह की आवृत्तियां होते हुए पाई गई है। आईआईटी के रिसर्च को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल ने प्रकाशित किया है।
सूर्य से बड़ा न्यूट्रान ताराआईआईटी के अंतरिक्ष, ग्रह और खगोलीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख प्रो। पंकज जैन ने बताया कि आईआईटी कानपुर, खगोल भौतिकी केंद्र पुणे और अशोका विश्वविद्यालय के साइंटिस्ट की टीम द्विआधार तारा सिस्टम पर काम कर रही है। यह ऐसा तारा तंत्र है जो एक्सरे आवृत्तियों पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें छोड़ता है। उन्होंने बताया कि टीम ने जिस तारा सिस्टम का अध्ययन किया है वह बाइनरी स्टार सिस्टम 4 यू 1728-34 है। इस तारे से उत्सर्जित एक्स-रे डेटा का प्रयोग किया गया है। इस तारे के चारों ओर एक सामान्य तारा घूमता है।
यह अपने साथी तारे से पदार्थों को अपनी ओर खींचता है। जब पदार्थ उससे टकराते हैं तो विकिरण होता है। न्यूट्रान तारा सूर्य से भी आकार में बड़ा है। अध्ययन के दौरान देखा गया कि न्यूट्रान तारे में तीन अलग-अलग तरह की आवृत्तियां हो रही है। इस तरह की बहुत सारी आवृत्तियां का रिकार्ड किया गया है जिन्हें अर्ध आवधिक दोलन कहा जाता है।
रिसर्च टीम में आईआईटी कानपुर के प्रो। पंकज जैन, प्रो। जेएस यादव, केवल आनंद, आईयूसीएए पुणे के प्रो। रंजीव मिश्र, अशोका विश्वविद्यालय के प्रो। दीपाकंर भट्टाचार्य, शोध छात्र उमंग कुमार शामिल हैं।