- सनातन धर्म एजुकेशन सेंटर के 10वीं के छात्र ने स्कूल से लौटकर घर में फांसी लगा दे दी जान

KANPUR: स्कूल में पढ़ाई का प्रेशर हो या फिर करियर और पर्सनल लाइफ की दूसरी प्रॉब्लम्स बच्चे उनसे लड़ने की बजाय मौत के 'फंदे' में अब ज्यादा फंस रहे हैं। कुछ दिन पहले ही रतन लाल नगर में 12वीं के स्टूडेंट ने खुद को गोली मार कर खत्म कर लिया था। ऐसा ही एक मामला फ्राईडे शाम फजलगंज में भी सामने आया। जहां सनातन धर्म एजुकेशन सेंटर में पढ़ने वाले कपड़ा कारोबारी के इकलौते बेटे ने फांसी लगा कर जान दे दी। घर पहुंची मां ने ही अपने लाडले का शव फांसी पर लटकता देखा। वह फौरन शव को नीचे उतार हैलट इमरजेंसी पहुंची, लेकिन लाडले की सांसे काफी देर पहले ही टूट चुकी थी।

उनकी चीख िनकल गई

कालपी रोड निवासी कपड़ा कारोबारी मोहित खन्ना की जनरलगंज में दुकान है। उनकी पत्‍‌नी भावना एक प्राइवेट स्कूल में टीचर है। इकलौता बेटा अक्षत(15)) कौशलपुरी स्थित सनातन धर्म एजुकेशन सेंटर में 10वीं का स्टूडेंट था। मां के मुताबिक सुबह वह टाइम से ही स्कूल गया था। इससे पहले रक्षाबंधन भी हंसी खुशी से ही गुजरा था। अक्षत दो बजे घर आ जाता है। भावना 3 बजे घर पहुंची तो अक्षत को कुंडे के सहारे फांसी पर लटकता देख उनकी चीख निकल गई। आनन फानन में उन्होंने अपने रिश्तेदारों और इलाकाई लोगों को बुलाया। जिसके बाद अक्षत को हैलट इमरजेंसी लाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सवालों में मौत की वजह

अक्षत ने जान क्यों दी। इस पर रिश्तेदार और आसपास के लोग तो क्या खुद मां भावना और पिता मोहित भी इस पर कुछ नहीं बता सके। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिसे सुबह हंसते मुस्कुराते स्कूल भेजा था। चंद घंटो के बाद वह अपनी जिंदगी को अलविदा कर देगा। अक्षत के साथ पढ़ने वाले मौसेरे भाई के मुताबिक वह पढ़ने में ठीक ठाक था। वहीं घरवालों के मुताबिक वह कभी पढ़ाई से जुड़ी चीजों को लेकर उस पर प्रेशर नहीं बनाते थे। हालाकि सैटरडे को अक्षत के स्कूल में पैरेंट्स मीटिंग थी। ऐसा क्या था कि उनसे स्कूल से आने के बाद ही जान दे दी। क्या उस पर पढ़ाई को लेकर कोई दवाब था। या कोई ऐसी शिकायत की जिसके पैरेंट्स को पता चलने को लेकर उसमें कोई डर था। फजलगंज इंस्पेक्टर के मुताबिक सुसाइड की वजहों की अभी जांच की जा रही है। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। बच्चे के पास कोई मोबाइल नहीं था वह मां का ही फोन यूज करता था।

दो महीने में चौथा सुसाइड-

अगस्त- गोविंद नगर में 12वीं के स्टूडेंट ने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारी

जुलाई- आईआईटी प्रोफेसर की बेटी ने झांसी मेडिकल कालेज में फांसी लगाई

जुलाई- डीएवी ग‌र्ल्स हॉस्टल में बीकॉम की स्टूडेंट ने फांसी लगाई।

मई- भौंती स्थित इंजीनियरिंग कालेज में बीटेक छात्रा ने दी जान

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बच्चे के बिहेवियर पर रखे नजर-

- बच्चे में सुसाइडल टेंडेंसी को चेक करने के लिए उसके बिहेवियर में आ रहे बदलाव पर ध्यान दें

- वह अकेला रहने लगे, कम बातचीत करे या ज्यादा चिड़चिड़ापन हो तो उससे बात करने की कोशिश करें

- बच्चे के स्कूल में और उसके दोस्तों से समय-समय पर बातचीत कर फीडबैक लेते रहे

- बच्चे पर किसी चीज का दबाव न डाले, वह जो करना चाहता है उसके लिए उत्साहित करें

- बच्चे को अकेला न छोड़े उसके साथ दोस्ताना रखें, बच्चा पूरी नींद ले, बेचैन या उलझन में न रहे यह देखें

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'' पढ़ाई के प्रेशर और स्ट्रेसफुल लाइफ में बच्चे पर भी असर पड़ा है। उनकी टालरेंस पॉवर कम हुई है। ऐसे में बच्चे के बिहेवियर पर जरूर नजर रखे। उससे दोस्ताना संबंध रख हर चीज पर बात करने की कोशिश करें। उनमें चिड़चिड़ापन हो या फिर उन्हें नींद न आए तो उनसे बात करे। स्ट्रेस और डिप्रेशन न हो इसके लिए घर का माहौल हेल्दी और खुशनुमा रखे। डिप्रेशन की वजह से अक्सर सुसाइडल टेंडेंसी डेवलप होती है.''

- डॉ। धनंजय चौधरी, एचओडी, साइकियाट्रिक डिपार्टमेंट,जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

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'' वह पढ़ाई में तो ज्यादा अच्छा नहीं था। कुछ दिन पहले टेस्ट हुए थे। सैटरडे को पीटीएम भी थी। कुछ दिन पहले एक स्टूडेंट के सुसाइड की सूचना पर हमने अपनी सभी टीचर्स से बात की थी। स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग भी कराई गई थी। उन्हें समझाया भी गया था कि मॉ‌र्क्स ही सब कुछ नहीं होते.''

- शोभा दास, प्रिंसिपल, सनातन धर्म एजुकेशन सेंटर

Posted By: Inextlive