स्मार्ट सिटी को नहीं मिल पा रही 'स्पीड'
आई एक्सक्लूसिव
-वॉटर सप्लाई स्काडा और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए नहीं मिले कॉन्टै्रक्टर, टेंडर की डेट बढ़ाई गई -58.69 करोड़ से स्मार्ट वॉटर मीटर, वॉटर सप्लाई स्काडा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग के किए जाने हैं काम kanpur@inext.co.inKANPUR : स्मार्ट सिटी लिए कागजों पर योजना भले ही तैयार हो गई हो लेकिन इसे जमीन पर उतारने में लेटलतीफी हो रही है। स्मार्ट वाटर सप्लाई, स्मार्ट वॉटर मीटर कनेक्शन, स्मार्ट रोड, ई स्कूल जैसे कामों के लिए कांट्रैक्टर नहीं मिल पा रहे हैं। जिसकी वजह से बार-बार टेंडर की डेट बढ़ानी पड़ रही है। इसकी वजह से प्रोजेक्ट लेट हो रहे हैं। 58.69 करोड़ रुपए से स्मार्ट वॉटर मीटर कनेक्शन, वॉटर सप्लाई स्काडा और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग व वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग के टेंडर कॉल किए गए थे। कांट्रैक्टर नहीं मिलने से अब इनकी डेट को 22 और 26 जुलाई तक एक्सटेंड कर दिया गया है। स्मार्ट वॉटर मीटर कनेक्शन के लिए टेंडर 25 जुलाई को ओपन किए जाएंगे। फरवरी में इन कामों के लिए डीपीआर मंजूर की गई थी।
----------------- स्मार्ट वॉटर मीटर योजना की लागत- 25.96 करोड़ लाभ- लोगों को वाटर टैक्स जमा करने में आसानी। कहां मिलेंगे- स्मार्ट सिटी द्वारा घरों में फ्री में लगाए जाएंगे। ---------डिटेल- स्मार्ट सिटी के तहत हाउस टैक्स जमा करने वाले घरों में फ्री में स्मार्ट वॉटर मीटर लगाए जाएंगे। शहर में 3.12 लाख घरों में स्मार्ट मीटर इंस्टॉल होंगे। अभी तक जलकल लगभग 2.50 लाख घरों से वाटर टैक्स वसूलता है। स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद वॉटर सप्लाई के बिलों में पारदर्शिता आएगी और जितना पानी प्रयोग किया जाएगा, सिर्फ उतने का ही बिल देना होगा। इस योजना में कुल 25.96 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं खराबी पर कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पर सूचना देने पर तुरंत समस्या का समाधान किया जा सकेगा। वॉटर टैक्स ऑनलाइन जमा करने की सुविधा भी लोगों को मिलेगी।
--------- वाटर सप्लाई (स्काडा) योजना की लागत- 24.78 करोड़ लाभ-पानी की सप्लाई पर नजर और बर्बादी रुकेगी। कैसे- सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन होगी मॉनीटरिंग ---------डिटेल- इस योजना के अंतर्गत शहर में होने वाली कच्चे पानी की सप्लाई और पानी की बर्बादी को रोका जाएगा। भैरवघाट पंपिंग स्टेशन के माध्यम से गंगा से कच्चा पानी लिया जाता है। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर सिस्टम को कानपुर के सभी बड़े पंपिंग स्टेशन में लगाया जाएगा। इससे शहर में होने वाली वॉटर सप्लाई और लीकेज पर नजर रखी जा सकेगी। कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से इस पर नजर रखी जाएगी। शहर की मुख्य व बड़ी पानी की पाइप लाइनों में होने वाले लीकेज का पता भी फौरन पता चल जाएगा और उसे तत्काल रिपेयर किया जा सकेगा।
------------ वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग योजना की लागत- 7.95 करोड़ लाभ- गंगा में प्रदूषित पानी को जाने से रुकेगा। कैसे-री-साइक्लिंग प्लांट लगाया जाएगा ------------- डिटेल- इस योजना में भैरवघाट स्थित धोबी घाट में रोज प्रयोग होने वाला लगभग 50 लाख लीटर पानी कपड़ों की सफाई के बाद गंगा में बहा दिया जाता है। इसे रोकने के लिए वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग प्लांट घाट पर लगाया जाएगा। इसके बाद प्रदूषित पानी को रिसाइकिल कर साफ किया जाएगा और गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। वहीं 7 करोड़ से स्मार्ट सिटी के तहत 6 सरकारी बिल्डिंग और वेस्ट वाटर रिसाइकिल प्लांट धोबी घाट पर लगाना है। बता दें कि 6 मार्च को टेंडर कॉल किए गए थे। लेकिन कोई कॉन्ट्रैक्टर नहीं आया। ----------- स्मार्ट सिटी में वॉटर सप्लाइर् के वर्क योजना खर्च1. स्मार्ट वॉटर मीटर 25.96 करोड़
2. वॉटर सप्लाई स्काडा 24.96 करोड़ 3. वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग व रेन वॉटर हार्वेस्टिंग- 7.95 करोड़ ------------- बिड कमेटी में ये लोग शामिल 1. अमृत लाल बिंद, अपर नगर आयुक्त फर्स्ट- चेयरमैन ---मेंबर--- 2. रमेश चंद्र निरंजन, सीएफओ 3. चीफ इंजीनियर, नगर निगम 4. रामशरण पाल, सुप्रीडेंटेंट इंजीनियर 5. आरबी राजपूत, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर 6. दुर्गेश सिंह, सीए, कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड 7. नवीन नंदा, डीजीएम, केएससीएल -------------- वर्क तय डेट बदली डेट 1. वॉटर सप्लाई स्काडा 12 जुलाई 26 जुलाई 2. वेस्ट वॉटर रिसाइक्लिंग व हार्वेस्टिंग 15 जुलाई 22 जुलाई3. स्मार्ट वॉटर मीटर 25 जुलाई ----
--------------- प्री-बिड मीटिंग में आए कई कॉन्ट्रैक्टर ने डेट बढ़ाने के लिए कहा था, जिसके बाद डेट बढ़ाई गई है। स्मार्ट सिटी के कार्यो को जल्द कराने का प्रयास किया जा रहा है। -पूजा त्रिपाठी, सहायक नगर आयुक्त व प्रभारी कानपुर स्मार्ट सिटी।