कहीं ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं कम. बारिश के थमते ही धूप निकलती है साथ ही उमस बढ़ती है. इसकी वजह से कई तरह की स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स हो रही हैं. ऐसे में हैलट हॉस्पिटल की ओपीडी में स्किन डिसीज के पेशेंट की संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई है. स्किन रोग की ओपीडी में डेली पेशेंट की लंबी लाइन लग रही हैं. एक्सपर्ट डॉक्टर सभी पेशेंट को बारिश में अलर्ट रहने को कह रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक बरसात के मौसम में बॉडी के ज्वाइंट वाले भाग में नमी होने की वजह से फंगल इंफेक्शन और धूप न निकलने की वजह से पूरी तरह से अंडर गारमेंट ड्राई न हो पाने की वजह से लोगों को खुजली की समस्या हो रही है.

कानपुर (ब्यूरो)। कहीं ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं कम। बारिश के थमते ही धूप निकलती है, साथ ही उमस बढ़ती है। इसकी वजह से कई तरह की स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स हो रही हैं। ऐसे में हैलट हॉस्पिटल की ओपीडी में स्किन डिसीज के पेशेंट की संख्या डेढ़ गुना बढ़ गई है। स्किन रोग की ओपीडी में डेली पेशेंट की लंबी लाइन लग रही हैं। एक्सपर्ट डॉक्टर सभी पेशेंट को बारिश में अलर्ट रहने को कह रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, बरसात के मौसम में बॉडी के ज्वाइंट वाले भाग में नमी होने की वजह से फंगल इंफेक्शन और धूप न निकलने की वजह से पूरी तरह से अंडर गारमेंट ड्राई न हो पाने की वजह से लोगों को खुजली की समस्या हो रही है। इसके अलावा पानी में अधिक समय तक हाथ व पैर रहने की वजह से स्किन की परत उखडऩे की समस्या लेकर लोग ट्रीटमेंट के लिए आ रहे हैं।

500 से अधिक पेशेंट ओपीडी में आ रहे

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्किन रोग डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। डीपी शिवहरे ने बताया कि कुछ माह पूर्व अधिक गर्मी की वजह से जहां स्किन एलर्जी, स्किन बर्न के पेशेंट बड़ी संख्या में ट्रीटमेंट के लिए आ रहे थे। वहीं मौसम के बदलते ही बरसात की वजह से वर्तमान में फंगल इंफेक्शन, खुजली, लाल चकत्ते व हाथ-पैर की स्किन उखडऩे की समस्या लेकर बड़ी संख्या में पेशेंट आ रहे है। उन्होंने बताया कि नार्मल डेज की अपेक्षा वर्तमान में डेढ़ गुना अधिक पेशेंट आ रहे हैं। ओपीडी में डेली 500 से अधिक पेशेंट ट्रीटमेंट के लिए पहुंच रहे हैं।

हर दूसरा पेशेंट फंगल व खुजली का

डॉ। डीपी शिवहरे बताते है कि बरसात के मौसम में स्किन रोड डिपार्टमेंट की ओपीडी में आने वाला हर दूसरा पेशेंट फंगल इंफेक्शन व खुजली का है। यह समस्या उनको गीले अंडर गारमेंट पहनने व बरसात में भीगने व नहाने के बाद बॉडी को पूरी तरह सूखने से पहले कपड़े पहन लेने की वजह से होता है। नहाने के बाद बॉडी को थोड़ी देर हवा में सुखा लेना चाहिए। जिससे बॉडी के ज्वाइंट वाला भाग पूरी तरह ड्राई हो जाए।

क्यों हो रही प्रॉब्लम

दरअसल, बारिश के मौसम में एटमॉशफियर में नमी बढ़ जाती है। बारिश में बाहर निकलने से हम गीले होते हैं। बारिश रुकते ही उमस बढ़ती है, जिससे पसीना आता है। जिससे स्किन पर बैक्टीरिया पनपते हैं। इस वजह से ही फंगल इन्फेक्शन, खुजली- रैशेज और स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। हमारी स्किन सेंसिटिव हो जाती है। उस पर एलर्जिक रिएक्शन होने लगते हैं।

यह समस्या लेकर आ रहे पेशेंट

- फंगल इंफेक्शन
- स्किन में खुजली
- स्किन में लाल चकत्ते
- हाथ व पैर की स्किन उखडऩा
- स्किन में जलन होना

इन बातों का रखें ध्यान

- अपने कपड़ों और जूतों को साफ रखें
- शरीर के कपड़े व जूतों को सूखा रखें
- बारिस में भीग जाने पर घर जाकर जरूर नहाएं
- दूसरों के कपड़े व जूते यूज न करें
- बारिश में एंटीबैक्टीरियल साबुन का यूज करें
- बॉडी में पाउडर का यूज करें ताकि नमी सोखी जा सके
- बिना धुले पकड़े या मोजे न पहनें
- स्पोट्र्स शूज पहनते हंै तो उन्हें समय पर वॉश जरूर करें

Posted By: Inextlive