Kanpur News : एनएसआई की लैब में बनेंगे प्रोडक्ट, कानपुराट्स को मिलेगा फायदा
कानपुर (ब्यूरो)। नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआई) की लैब में हुए इनोवेशंस और डेवलप की गई टेक्नोलॉजी को मार्केट में लाया जाएगा। एनएसआई की लैब में शुगर मिल्स से निकलने वाले वेस्ट वाटर को फिल्टर करके पीने योग्य बनाया गया। इसको एक शुगर मिल के माध्यम से मार्केट में लांच किया जाएगा। इसको गन्ना जल नाम से मार्केट में लांच किया जाएगा। एनएसआई डायरेक्टर प्रो। सीमा परोहा ने बताया कि इसके अलावा हमारे पास कई अलग अलग तरह की शुगर और इनोवेटिव प्रोडक्ट हैैं। इनको भी मार्केट में लाकर पब्लिक के लिए लांच किया जाएगा। एनएसआई में इस काम के लिए एक टीम को लगा दिया गया है जो कि अभी तक हुए उन इनोवेशंस और टेक्नोलॉजी की लिस्ट बना रही है जो कि अभी तक केवल एनएसआई तक ही सीमित रह गई है। कोशिश है कि एनएसआई के प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी को विदेशों में भी लांच किया जाए।
बायोफ्यूल पर होगा काम
एनएसआई आने वाले दिनों में बायोफ्यूल पर काम करेगा। डायरेक्टर प्रो। सीमा परोहा ने बताया कि आईआईटी के साथ मिलकर बायोफ्यूल पर काम किया जाना है। इस काम के लिए एनएसआई में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर बायोफ्यूल की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य फ्यूल के क्षेत्र मेें देश को आत्मनिर्भर बनाना है। यहां बगास से इथेनॉल और एविएशन फ्यूल आदि बनाने पर काम किया जाएगा। जल्द ही आईआईटी कानपुर से एमओयू किया जाना है। इसके अलावा बायोफ्यूल को लेकर कई अन्य योजनाएं भी बनाई जा रही हैैं।
एनएसआई में चल रहे पांच डिप्लोमा कोर्स को सिलेक्ट करके मास्टर डिग्री में परिवर्तित किया जाना है। प्रो। परोहा ने बताया कि यहां से पीजी डिप्लोमा (1.5 साल) के बाद रिसर्च करने के लिए स्टूडेंट को एमएससी करनी पड़ती थी, जिसमें स्टूडेंट्स का दो साल अतिरिक्त लगता है। इन कोर्सों का मास्टर में कंवर्ट होने के बाद रिसर्च के क्षेत्र में जाने वाले स्टूडेंट्स डायरेक्ट पीएचडी में एडमिशन ले सकेंगे। बताते चलें कि अभी तक एनएसआई में नौ कोर्सेज को चलाया जाता है।
10 करोड़ से होगा डेवलपमेंट
एनएसआई में जैगरी से अलग अलग प्रोडक्ट्स के बनाना सिखाने के लिए जैगरी यूनिट को लगाया जाएगा। इसके अलावा दो हॉस्टल, एक कैफेटेरिया, एक टिश्यू कल्चर लैब और कवर्ड पार्किंग बनेगी। इस काम के लिए 10 करोड़ का फंड है। हास्टल बनने से बाहर से आकर यहां पढऩे वाले स्टूडेंट्स को फैसिलिटी मिलेगी। वहीं, कैफेटेरिया मेें वह ब्रेकफास्ट और लंच आदि कर सकेंगे। इसके अलावा टिश्यू कल्चर लैब में रिसर्च की जा सकेगी।