Kanpur News: कैंसर की सबसे बड़ी वजह पॉल्यूशन और फास्ट फूड
कानपुर (ब्यूरो)। पिछले कई वर्षों से कैंसर का परिवर्तित रूप देखने को मिला है। एक दशक पहले कैंसर के जो लक्षण होते थे, वह अब नहीं दिखाई देते हैं। कैंसर शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। अब के समय में पेशेंट के अचानक से हाथ-पैरों में कमजोरी आ जाना, खांसी में खून आना, लगातार सिर में दर्द बना रहना, टॉयलेट रुक-रुक कर होना आदि लक्षण भी कैंसर के कारण है। इन लक्षणों को बिल्कुल भी इग्नोर न करें। यह बातें संडे को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन &आईएमए&य कानपुर शाखा की ओर से आयोजित सीजीपी वर्कशाप के तीसरे दिन लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट की कैंसर एक्सपर्ट डॉ। निशी श्रीवास्तव ने कहीं। उन्होंने बताया कि प्रदूषण और फास्ट फूड कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। बदलती लाइफस्टाइल के कारण भी कैंसर के पेशेंट बढ़ रहे हैं।
लक्षणों को नजरअंदाज न करें
डॉ। निशी श्रीवास्तव ने बताया कि अगर आपके सीने में गांठ है तो वहां पर बने कैंसर सेल आपके शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकते हैं। जरूरी नहीं है कि सीने के आसपास ही वह सेल मौजूद रहे। अगर वजन कम हो रहा है और शरीर में कोई गांठ है। थकावट बहुत लग रही है तो इन लक्षणों को नजर अंदाज न करें। ऐसे में आपको तुरंत जांच करानी चाहिए।
डॉ। प्रीति शुक्ला ने बताया कि कैंसर का एक सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। इससे गॉल ब्लैडर के कैंसर अधिक हो रहे हैं। गंगा या नहर के किनारे जितनी भी खेती हो रही है। उनकी सब्जियों में सबसे ज्यादा प्रदूषण पाया जा रहा है और उससे लोगों में बीमारियां फैल रही हैं। शरीर के किसी भी सिग्नल को नजरअंदाज न करें। क्योंकि कैंसर अब लाइलाज नहीं है, समय रहते इसकी रोकथाम संभव है। डॉ। विकास शुक्ला ने कहा कि ब्रेन ट्यूमर अक्सर केवल सिर दर्द और उल्टी के साथ ही आते हैं। जिन्हें कई बार माइग्रेन भी समझ लिया जाता है।
बार-बार नकसीर फूटे तो ट्यूमर के लक्षण
आगरा मेडिकल कॉलेज के ईएनटी सर्जन डॉ। अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि यदि बार-बार नाक फूटे तो यह समस्या काफी गंभीर है। ऐसे में ट्यूमर होने का खतरा अधिक रहता है। 80 परसेंट पेशेंट के ट्यूमर होने की वजह से ही बार-बार नकसीर फूटती है या फिर 20 परसेंट पेशेंट ऐसे होते हैं जिनमें बीपी बढऩे की वजह से ऐसा होता है। ऐसे में कभी भी पेशेंट को लिटाना नहीं चाहिए। क्योंकि नकसीर फूटने पर तमाम तरीके की भ्रांतियां समाज में फैली है। अगर नकसीर फूटती है तो पेशेंट को सीधा बैठाएं फिर नाक दबाए और तुरंत बर्फ से सिकाई करें। एक से डेढ़ मिनट के अंदर आराम मिल जाएगा। कभी भी नाक में कड़वा तेल ना डालें इससे इंफेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली की डॉ। रेनू तंवर ने बताया कि देर से शादी होना और प्रदूषण के कारण महिलाओं में बांझपन की समस्या बढ़ गई है। यदि अपनी लाइफ स्टाइल को बेहतर करें तो इन समस्याओं से बचा भी जा सकता है। उनके साथ डॉ। आस्था सिंह भी मौजूद रहीं। प्रोग्राम के दौरान आईएमए अध्यक्ष डॉ। नंदिनी रस्तोगी, सचिव डॉ। कुनाल सहाय, डॉ। शालिनी मोहन, डॉ। अनुराग समेत आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।