Kanpur News: पुलिस करती रही ऑनलाइन निगरानी, 200 क्रिमिनल्स हो गए रफूचक्कर
कानपुर (ब्यूरो)। पुलिस की ऑनलाइन निगरानी से सिटी के 200 क्रिमिनल्स गायब हो गए हैं। चिंता वाली बात यह है कि इनमें से कई क्रिमिनल हीनियस क्राइम वाले हैं। दरअसल, दो साल से गूगल मैपिंग और मोबाइल नेटवर्किंग के जरिए क्रिमिनल्स की निगरानी की जा रही थी। लेकिन जब सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेवटर्क सिस्टम) की समीक्षा की गई तो पता चला कि 200 से ज्यादा क्रिमिनल्स पुलिस का ऑनलाइन घेरा तोडक़र खुद को छिपा चुके हैैं। इस जानकारी के बाद से पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ गई है। आनन फानन में पुलिस ने गुम हुए क्रिमिल्स की फैमिली ट्री देखकर निगरानी शुरू कर दी है।
इस तरह से हो रही थी निगरानी
2009 में पुलिस विभाग को ऑनलाइन करने के लिए सीसीटीएन सिटीजन पोर्टल लांच किया गया था। इसके अंतर्गत पुलिस का हर काम ऑनलाइन करने का प्लान था। प्रदेश के हर चौराहे की गूगल मैपिंग की गई, सारी एफआईआर ऑनलाइन फीडिंग हो गईं। कुछ साल बाद ही यूपी कॉप भी आ गया और पुलिस विभाग की 20 प्रतिशत काम ऑनलाइन हो गया। कुछ साल और बीते अपराधियों का डाटा ऑनलाइन किया गया। आंख की पुतली और ब्लड की एक बूंद से पहचान होने लगी। दो साल पहले क्रिमिनल्स की ऑनलाइन निगरानी शुरू कर दी गई।
पुलिस जिस अपराधी को पकड़ती, उसके घर की गूगल मैपिंग और जमानत लेने वालों के घर की गूगल मैपिंग करने लगी। घर के सभी मोबाइल नंबर ऑनलाइन ट्रैकर से जोडक़र निगरानी की जा रही थी। जून के अंत में शासन के आदेश पर जब समीक्षा हुई तो 200 क्रिमिनल्स ऑनलाइन ट्रैकिंग से गायब मिले। जब उनके मोबाइल के आईईएमआई नंबर ट्रेस किए गए तो गूगल मैपिंग से नदारद थे।
बीट पुलिस अधिकारी और डॉयल 112 की टीम एक्टिव
इस जानकारी के बाद बीट पुलिस ऑफिसर्स अलर्ट किए गए, इन सभी की जांच कराई गई तो इस बात की पुष्टि हो गई। इसके बाद से पुलिस ने इन शातिरों की कोर्ट में जानकारी की तो पता चला अलग-अलग कोर्ट से लगभग 123 एनबीडब्ल्यू (नॉन बेलेवल वारंट) और 33 बी डब्ल्यू (बेलेवल वारंट) जारी कर दिए गए। अब थाना पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई कि वे इन वारंटों का तामीला कहां कराएं। पुलिस की माने तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि किसी भी क्रिमिनल के परिवार वालों पर उसकी तलाश के लिए दबाव नहीं बना सकते। अब पुलिस इन क्रिमिनल्स के परिवार वालों से बात करके और फैमिली ट्री में शामिल लोगों से जानकारी कर इन शातिरों की तलाश में जुटी है।
तीन दर्जन से ज्यादा हैैं हीनियस क्रिमिनल
विभाग के सूत्रों की माने तो तीन दर्जन से ज्यादा क्रिमिनल हीनियस क्राइम के हैैं, जो तीन से ज्यादा बार जेल जा चुके हैैं। जबकि 67 क्रिमिनल्स पहली बार बड़े अपराध में जेल जाने के बाद बेल पर बाहर निकले हैैं। इनमें 13 महिलाएं भी हैैं जो मादक पदार्थ की तस्करी से जुड़े होने के बाद जेल गई थीं और बेल पर जमानत में आई हैैं। 27 मादक पदार्थ तस्कर हैैं जबकि 63 बंदी छोटे अपराधों के हैैं। कुछ बंदियों के परिवार वालों ने पुलिस को जानकारी दी है कि वे रोजी रोजगार की तलाश में प्रदेश से बाहर गए हैैं। जोनवार इतने क्रिमिनल्स फरार
ईस्ट जोन - 34
वेस्ट जोन - 42
सेंट्रल जोन - 47
साउथ जोन - 77
टोटल- 200 ऑनलाइन गुम हुए बंदियों की तलाश की जा रही है। जहां इनकी लोकेशन मिल रही है, वहीं की पुलिस से संपर्क करने के बाद उन्हें वारंट पर पकडक़र जेल भेजने की कवायद की जा रही है।
आशीष श्रीवास्तव, डीसीपी ट्रैफिक