जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉरमेंशन सिस्टम एचएमआईएस प्रणाली के लिए नया डिपार्टमेंट जल्द खुलेगा. इसके माध्यम से पेशेंट की सारी जानकारी कम्प्यूटर में ऑनलाइन फीड तो होगी ही साथ ही वह जानकारी डॉक्टर के कंप्यूटर तक भी पहुंचेगी. जिससे डॉक्टर पेशेंट की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन अपने कंप्यूटर पर देख सकेगा. वहीं कम्प्यूटर में पेशेंट का पूरा डाटा भी सेव हो जाएगा. जिसको डॉक्टर कभी भी देख सकेगा.

कानपुर (ब्यूरो)। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉरमेंशन सिस्टम(एचएमआईएस ) प्रणाली के लिए नया डिपार्टमेंट जल्द खुलेगा। इसके माध्यम से पेशेंट की सारी जानकारी कम्प्यूटर में ऑनलाइन फीड तो होगी ही, साथ ही वह जानकारी डॉक्टर के कंप्यूटर तक भी पहुंचेगी। जिससे डॉक्टर पेशेंट की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन अपने कंप्यूटर पर देख सकेगा। वहीं कम्प्यूटर में पेशेंट का पूरा डाटा भी सेव हो जाएगा। जिसको डॉक्टर कभी भी देख सकेगा।

दो डॉक्टर लखनऊ से ट्रेनिंग कर लौटे

प्रमुख सचिव ने बीते दिनों जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला समेत अन्य मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ बैठक की थी। जिसमें सचिव ने सभी मेडिकल कॉलेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉरमेंशन सिस्टम प्रणाली के लिए डिपार्टमेंट शुरू किए जाने के आदेश दिए थे। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी हॉस्पिटल में हॉस्पिटल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट खोले जाने की कवायद शुरू हो गई है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने बताया कि इसके लिए सीएमएस स्तर के दो डॉक्टर को लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। वह ट्रेनिंग लेकर वापस आ गए हैं। डिपार्टमेंट में हॉस्पिटल मैनेजमेंट की शुरुआत जल्द करने की तैयारी की जा रही है।

पेशेंट की होगी यूनिक आईडी

प्रिंसिपल ने बताया कि पेशेंट के ट्रीटमेंट के संबंध में सभी जानकारी सटीक रूप से मिलेगी। यह सुविधा शुरू होने से जहां एक ओर हॉस्पिटल के प्रबंधन, नेतृत्व, नेटवर्क, कार्यप्रणाली और प्रशासन में सुधार होगा। वहीं पेशेंट को एक यूनिक आईडी मिलने से उनसे जुड़ी सारी जानकारी हॉस्पिटल में दर्ज होगी। पेशेंट के दोबारा हॉस्पिटल आने पर केस हिस्ट्री पहले से दर्ज होने से पेशेंट को काफी राहत मिलेगी। वहीं, डॉक्टर्स को भी केस हिस्ट्री की जानकारी रहेगी। जिससे उन्हें भी संबंधित पेशेंट का ट्रीटमेंट करने में काफी राहत मिलेगी।

बीपी, हार्ट व डायबिटीज पेशेंट को राहत

डॉक्टर्स के मुताबिक यह सिस्टम लागू होने से सबसे अधिक लाभ बीपी, हार्ट व डायबिटीज पेशेंट को होगा। इसका मुख्य कारण यह है कि बीपी, हार्ट व डायबिटीज समेत अन्य कई बीमारियां ऐसी हैं, जिनका ट्रीटमेंट सालों साल चलता है। लिहाजा ऐसे पेशेंट को हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के लिए आने के बाद उसको पुरानी जांचें व मेडिसिन के पर्चें नहीं लाने पड़ेंगे। डॉक्टर पेशेंट की यूनिक आईडी से उसकी पूरी केस हिस्ट्री जान लेगा और उसी के मुताबिक ट्रीटमेंट शुरू हो सकेगा।

फस्र्ट फेस में मेडिकल कॉलेजेस में

एचएमआईएस लागू होने के बाद प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेज, राजकीय संस्थानों, स्वायत्तशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में पेपरलेस सिस्टम को लागू किया जाएगा। फस्र्ट फेस में मेडिकल एजूकेशन के गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज, झांसी, मेरठ और आगरा स्थित मेडिकल कॉलेज में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। फिर प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज को इससे जोड़ा जाएगा।

Posted By: Inextlive