एक्सीडेंट सिटी में नेक दिल वालों को ही नेक दिल नहीं मिले हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 2022 में शासन ने गुड सेमेरिटन को प्रमाण पत्र और प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करने की योजना बनाई थी. जिससे एक्सीडेंट में घायल होने वालों को कोई राहगीर समय से अस्पताल पहुंचा दे. यह योजना हादसों में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए बनाई गई थी लेकिन अभी तक 2023 में चुने गए तीन गुड सेमेरिटन &नेक दिल&य को नियमानुसार मिलने वाली प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. हालांकि इनको डीएम और परिवहन राज्यमंत्री से प्रमाण पत्र मिल चुका है. ऐसे में यह योजना फाइलों में दम तोड़ती नजर आ रही है. ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं कि सिटी में बीते वर्ष

कानपुर (ब्यूरो)। एक्सीडेंट सिटी में नेक दिल वालों को ही नेक दिल नहीं मिले हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 2022 में शासन ने गुड सेमेरिटन को प्रमाण पत्र और प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करने की योजना बनाई थी। जिससे एक्सीडेंट में घायल होने वालों को कोई राहगीर समय से अस्पताल पहुंचा दे। यह योजना हादसों में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए बनाई गई थी, लेकिन अभी तक 2023 में चुने गए तीन गुड सेमेरिटन &नेक दिल&य को नियमानुसार मिलने वाली प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। हालांकि इनको डीएम और परिवहन राज्यमंत्री से प्रमाण पत्र मिल चुका है। ऐसे में यह योजना फाइलों में दम तोड़ती नजर आ रही है। ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं कि सिटी में बीते वर्ष

यह थी योजना
शासन की योजना के तहत, एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए प्रमाण पत्र के साथ ही नगद पुरस्कार भी दिया जाता है। इसके अलावा नेक दिल व्यक्ति की हाइवे व जीटी रोड के किनारे सुविधा अनुसार होर्डिंग लगाने की भी योजना थी। जिसको देखकर अन्य लोग भी एक्सीडेंट में घायलों की मदद के लिए आगे आएं। लेकिन अभी तक सिर्फ सर्टिफिकेट मिला है। ऐसे में लोग कैसे आगे आएंगे, ये बड़ा सवाल है।

नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
सिटी में 2023 में तीन गुड सेमेरिटन यानि कि नेक दिल हॉस्पिटल, पुलिस व आरटीओ आफिसर्स की तरफ से चिन्हित किए गए थे। जिसमें रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रिंसिपल एसपी सिंह, सीनियर आर्थो सर्जन डॉ। संजय सिंह व समाजसेवी मीनाक्षी गुप्ता हैं। तीनों को 2023 अगस्त में डीएम ने और दिसंबर 2023 में लखनऊ में परिवहन राज्यमंत्री ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया था। प्रोत्साहित राशि में मिलने वाला नगद पांच हजार रुपए बाद में मिलने थे। मंडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इन नेक दिल से बात की तो पता चला कि प्रोत्साहित राशि अभी नहीं उनके एकाउंट में नहीं आई है, लेकिन उन्होंने कहा यह हमारी मानवीय जिम्मेदारी है। इसके लिए अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए।

नेक दिल व्यक्ति के लिए सुप्रीम कोट की गाइड लाइन
- घायल को हॉस्पिटल पहुंचाने वालों को पुलिस कोई पूछताछ नहीं करेगी
- एक्सीडेंट के संबंध में गवाह बनाने को पुलिस बाध्य नहीं करेगी
- घायल को नजदीकी किसी भी गवर्नमेंट या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करा सकते हैं
- हॉस्पिटल में बिल भुगतान के लिए नेक दिल व्यक्ति को बाध्य नहीं किया जाएगा।

नेक दिल व्यक्ति का यह मिलता है
- डीएम व परिवहन राज्यमंत्री की तरफ से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता
- पांच हजार रुपए नकद पुरुस्कार
- एक कैलेंडर वर्ष में 10 राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार होते हैं। जिसमें एक लाख तक नगद पुरुस्कार दिया जाता है
- हाइवे व जीटी रोड किनारे उनकी फोटो की होर्डिंग भी लगाई जाती है

Posted By: Inextlive