Kanpur News: अब एग्री स्टूडेंट भी पढ़ेंगे बिजनेस व एंटरप्रेन्योरशिप
कानपुर (ब्यूरो)। देश की टॉप एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में शामिल सीएसए से पढ़ाई करने वाले एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स को अब खेती बाड़ी के साथ साथ बिजनेस डेवलपमेंट, एंटरप्रेन्योरियल स्किल और स्किल इनहैैंसमेंट का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। सीएसए में अंडर ग्रेजुएट कोर्स का सिलेबस बदल दिया गया है। जो कि इसी सेशन से लागू हो जाएगा। आईसीएआर की 6 डीन कमेटी की सिफारिशों में एनईपी 2020 को लागू करने की बात कही है, जिसके बाद सीएसए में यूजी के कोर्स में बदलाव हो गया है। अब पीजी और पीएचडी का सिलेबस बदला जा रहा है।
जॉब देने वाले बनेंगे स्टूडेंट्स
कोर्स बदलने के साथ साथ इस बार से पढ़ाई शुरू होने के दो हफ्ते तक दीक्षारंभ चलेगा। जिसमें स्टूड़ेंट्स को कोर्स के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ साथ एलुमिनाई टॉक और इंडस्ट्री के स्पेशलिस्ट्स के सेशन भी होंगे। अभी तक एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स को सिर्फ एग्रीकल्चर से जुड़ी बारीकियां पढ़ाई जाती थीं। नए कोर्स में उन चीजों को शामिल किया गया है जो कि स्टूडेंट को कहीं जॉब खोजने के बजाय एंटरप्रेन्योर बनाकर जॉब देने वाला बनाएंगे। इसके अलावा कुछ ऐसे टॉपिक भी हैैं जो कि खुद का छोटा बिजनेस शुरू करने के लिए भी तैयार करेंगे।
मल्टीपल एंट्री एग्जिट और लैटरल एंट्री
सीएसए स्टूड़ेंट्स को मल्टीपल एंट्री एग्जिट की फैसिलिटी मिलेगी। इसमें चार साल के यूजी में बीच में पढ़ाई छोडऩे के बाद तीन साल में वापस आने पर आगे की पढ़ाई शुरू करने का मौका मिलेगा। पहले साल छोडऩे पर यूजी सर्टिफिकेट और दो साल पढऩे के बाद छोडऩे पर यूजी डिप्लोमा मिलेगा। हालांकि इनको पाने के लिए आपको 10 सप्ताह की ट्रेनिंग करनी होगी। इसके अलावा सीएसए में अगले साल से डिप्लोमा इंजीनियरिंग वालों को लैटरल एंट्री के तहत सीधा दूसरे साल में एडमिशन दिया जाएगा। सिलेबस में शामिल किए गए वैल्यू एजुकेशन, एंटरप्रेन्योरियल स्किल और स्किल इनहैैंसमेंट कोर्स को शुरूआती दो साल में ही पढ़ा दिया जाएगा।
मेजर सब्जेक्ट और स्किल इनहैैंसमेंट कोर्स में जिस कंटेंट को शामिल किया गया है। उसे सभी यूजी स्टूडेंट्स (एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर, फारेस्ट्री, फिशरी और होम साइंस समेत सभी) को पढऩा कंपलसरी है। इनको पढ़ाने का सीधा सा उद्देश्य यह है कि स्टूडेंट की पढ़ाई पूरी होने के बाद जॉब, एंटरप्रेन्योरशिप या बिजनेस किसी न किसी जरिए से वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
ये फायदे होंगे बदलाव से
- खेती बाड़ी के साथ बिजनेस के गुर भी सिखाए जाएंगे
-कोर्स के बाद जॉब करने या एंटरप्रेन्योर बनकर जॉब दे भी देंगे
-खुद का छोटा बिजनेस शुरू करने के लिए भी तैयार हो सकेंगे
-सिलेबस का दायरा बढऩे से जॉब्स मिलना भी होगा आसान