आई फॉलोअप

-एक विरासत और 6 लाइसेंस नए जारी करने में खुला फर्जीवाड़ा, कर्मियों ने भ्रष्टाचार कर अनैतिक तरीके से लाइसेंस किए जारी

-सिटी मजिस्ट्रेट ने 2 मामलों में शुरू की जांच, एक कर्मचारी ने सिटी मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया

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KANPUR : शस्त्र लाइसेंस जारी करने की होड़ में असलहा विभाग के कर्मियों ने नियम-कानूनों को ताक पर रख दिया। सूत्रों के मुताबिक कर्मियों ने 5 नहीं बल्कि 7 शस्त्र लाइसेंस को फर्जी तरीके से जारी किया। यही नहीं कर्मियों ने एक विरासत लाइसेंस में भी खेल कर दिया। फिलहाल अब उनका रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है। मामला खुलने के बाद से विभाग में तैनात बाबू और एक प्राइवेट कर्मी बिना छुट्टी लिए ही गायब हो गए हैं।

अधिकारी भी राडार में

सूत्रों के मुताबिक मामले में जिले के एक बड़े अधिकारी भी फंस सकते हैं। इसलिए जांच उन्हें न देकर किसी अन्य अधिकारी को दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा इलेक्शन से पहले डीएम ने कई शस्त्र लाइसेंस को अनुमोदित किया था। इसके बाद अधिसूचना जारी हो गई, जिसमें शस्त्र लाइसेंस जारी नहीं हुए। इस दौरान ही फर्जीवाड़े की पूरी पटकथा लिखी गई।

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विरासत लाइसेंस में भी खेल

नए लाइसेंस के अलावा कर्मियों ने विरासत लाइसेंस में भी खेल किया। इस मामले में डीएम ने बाबू संजय श्रीवास्तव को नोटिस दिया था। मामले में नौबस्ता की संध्या सिंह का असलहा लाइसेंस उनके बेटे मृत्युंजय प्रताप सिंह को ट्रांसफर होना था। डॉक्यूमेंट पूरे होने के बाद लाइसेंस भी जारी कर दिया गया। लेकिन जब इसके रिकॉर्ड को खंगाला गया तो कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला। लाइसेंस का कोई पुराना रिकॉर्ड न मिलने पर सवाल यह खड़ा हुआ कि फिर संध्या सिंह का मूल लाइसेंस ही कैसे बना? मामला जब डीएम के पास पहुंचा तो उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच दे दी। नोटिस के जवाब में बाबू संजय ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। अब यह रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है कि आखिर उस वक्त लाइसेंस किसने और कब जारी किया।

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डीएम को अंधेरा में रखा गया

लाइसेंस की जांच शुरू की गई तो 2 और ऐसे लाइसेंस मिले, जिनको डीएम ने अनुमोदित भी नहीं किया था। इनको भी जांच में शामिल कर लिया गया है। कर्मचारियों ने डीएम के अनुमति के बगैर ही एक बुकलेट जारी कर दी और उसकी एंट्री भी रजिस्टर में कर दी। इन बुकलेट में सिटी मजिस्ट्रेट के शाइन तक नहीं किए गए हैं। मामले में असलहा विभाग के बाबू विनीत को नोटिस जारी कर दिया है।

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कर्मचारी बिना बताए गायब

मामला खुलने के बाद से ही बाबू विनीत बिना छुट्टी लिए गायब है। इसके साथ ही प्राइवेट कर्मी जीतेंद्र भी भाग निकला है। विभाग से बिना छुट्टी लिए ही कर्मचारियों के गायब होने से अधिकारियों का शक उन पर गहरा गया है। अभी तक उन्होंने अपने बयान तक दर्ज नहीं कराए हैं।

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मामले की जांच शुरू कर दी गई है। कोई भी व्यक्ति इस काम में लिप्त है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट आने दीजिए जांच में सब क्लीयर हो जाएगा।

-विजय विश्वास पंत, डीएम।

Posted By: Inextlive