रेलवे ट्रैक में कहीं सिलेंडर रखने की घटना तो कहीं ट्रैक में रेल का स्लीपर रखने की घटना ने रेलवे आफिसर्स के साथ आरपीएफ व जीआरपी की भी नींद को उड़ा रखा है. साथ ही यह पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. ट्रेन डिरेलमेंट की नाकाम साजिश बीते नौ महीने में नौ बार हो चुकी है. जिनमें अभी तक सिर्फ तीन मामलों की जांच पूरी हो पाई है

कानपुर (ब्यूरो)। रेलवे ट्रैक में कहीं सिलेंडर रखने की घटना तो कहीं ट्रैक में रेल का स्लीपर रखने की घटना ने रेलवे आफिसर्स के साथ आरपीएफ व जीआरपी की भी नींद को उड़ा रखा है। साथ ही यह पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। ट्रेन डिरेलमेंट की नाकाम साजिश बीते नौ महीने में नौ बार हो चुकी है। जिनमें अभी तक सिर्फ तीन मामलों की जांच पूरी हो पाई है। जबकि छह मामलों की जांच अभी चल रही है। आरपीएफ आफिसर्स के मुताबिक बीते नौ माह में दिल्ली-हावड़ा रूट में सिर्फ प्रयागराज डिवीजन व इज्जतनगर डिवीजन में नौ घटनाएं हो चुकी हंै। जिसमें अराजकतत्व के लोगों ने रेलवे ट्रैक पर लोहे का स्लीपर, लकड़ी का बड़ा टुकड़ा, सिलेंडर को रखकर ट्रेन डिरेल करने की साजिश रची है।

इस तरह से रची गई ट्रेन डिरेल की साजिश

केस-1 : ट्रैक पर मिला लोहे का स्लीपर
आरपीएफ कमांडेंट के मुताबिक खुर्जा में बीते 6 दिसंबर व 9 दिसंबर को रेलवे ट्रैक में लोहे के स्लीपर अराजकतत्व के लोगों ने रखा था। जांच के दौरान यह माना गया कि यह स्लीपर का टुकड़ा ट्रेन को डिरेल करने के लिए रखा गया था। मामले की जांच अभी चल रही है।

केस-2 : पत्थर और लोहे की पेंड्रोल क्लिप
भरवारी स्थित मनौरी के पास जनवरी 2024 में ट्रैक में पत्थर व लोहे की पेंड्रोल क्लिप रखी गई थी। मामले की जांच के बाद दो लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया। जिसमें सामने आया कि आसपास के चरवाहे बच्चों ने उनको रखा था।

केस-3: बाइक का व्हील रखा मिला
अलीगढ़ में बीते माह अगस्त में रेलवे ट्रैक में मोटर साइकिल का व्हील रखा मिला था। जिसकी जांच में आया कि व्हीकल रखने वाला युवक बाइक चोर था। जिसमें व्हीकल के सभी पुर्जा को अलग-अलग कर के बेच दिया था। व्हीकल न बिकने पर उसने उसको डिस्ट्रॉय करने के लिए रेलवे ट्रैक पर रख दिया था।

केस-4: तीन फीट लोहे का टुकड़ा
सितंबर के फस्र्ट वीक में पनकी स्थित कानपुर-झांसी ट्रैक में रेल का ाग तीन फिट का टुकड़ा साबरमती एक्सप्रेस को डिरेल करने की मंशा से रखा गया था। जिसकी जांच पुलिस कमिश्नरेट के साथ एनआईए, क्राइम ब्रांच, आरपीएफ व जीआरपी कर रही हैं।

केस-5 : रेल ट्रैक पर रखा गैस सिलेंडर
सितंबर के सेकेंड वीक में कानपुर अनवरगंज-फर्रुखाबाद रूट में शिवराजपुर के पास रेलवे ट्रैक में गैस सिलेंडर रख कर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की नाकाम साजिश रची गई थी। जिसकी जांच भी पुलिस कमिश्नरेट, एनआईए, क्राइम ब्रांच के साथ आरपीएफ व जीआरपी कर रही है।

केस-6 : लडक़ा का टुकड़ा रखा मिला
सितंबर के फस्र्ट वीक में कन्नौज के पास अराजकतत्व के लोगों ने रेलवे ट्रैक में लकड़ी का बड़ा टुकड़ा, पेड़ का नीचे का हिस्सा, रख दिया था। जिसको रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेन के आने से पहले देख लिया। इसकी जांच भी कन्नौज जीआरपी कर रही है।

केस-7: गैस सिलेंडर रख दिया
कानपुर-प्रयागराज रूट में सरसौल के पास प्रेमपुर में 22 सितंबर की सुबह गैस सिलेंडर रेलवे ट्रैक में मिला। रेलवे आफिसर्स व सुरक्षा एजेंसी यह आशंका जता रहे है कि इस घटना को रेल डिरेलमेंट करने के मकसद से अंजाम दिया गया है। फिलहाल पुलिस ने एक दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

केस-8: कोचों में पत्थरबाजी
मिर्जापुर में कुछ माह पूर्व सियालदाह राजधानी में एक दर्जन युवकों ने मोबाइल में रील बनाने के लिए नौ कोचों में पत्थरबाजी कर शीशे तोड़ दिए थे। जिसमें आरपीएफ व जीआरपी ने 15 युवकों को पर कार्रवाई की थी।

यह है सजा का प्रावधान
प्रयागराज डिवीजन के आरपीएफ कमांडेंट विजय पंडित ने बताया कि रेलवे एक्ट की धारा 150 में उम्रकैद की सजा है। रेलवे एक्ट की धारा 150 के तहत पैसेंजर्स की जान जोखिम में डालना व सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहचाना है। इसमें आरोपी को उम्र कैद की सजा का प्राविधान है।

Posted By: Inextlive