नगर निगम में 9,000 प्रॉपर्टीज से टैक्स न लेने का 'खेल'
- नॉन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को एक साल में हाउस टैक्स का बिल तक नहीं भेजा गया
- रेवेन्यू न आने से कंगाल नगर निगम के पास सड़क पर पैच वर्क कराने के पैसे नहीं kanpur@inext.co.inKANPUR : नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से टैक्स वसूली में बड़ा खेल सामने आया है। 18 वार्डो की जो रिपोर्ट है उसमें 8,928 नॉन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी का टैक्स ही नहीं वसूला गया है। अपर नगर आयुक्त की समीक्षा मीटिंग में इसका खुलासा हुआ है। खेल में सामने आया कि जिस प्रॉपर्टी को डॉक्यूमेंट में रेजिडेंशियल ही दिखाया जा रहा है, वहां मौके पर कई कॉमर्शियल कंस्ट्रक्शन हो गए, लेकिन उन्हें अभी तक टैक्स के दायरे में नहीं लाया गया है। हाल ये है कि टैक्स नहीं वसूली होने से कंगाल नगर निगम की हालत और खराब होती जा रही है, जिससे सिटी के डेवलपमेंट वर्क्स भी अफेक्टेड हो रहे हैं। यहां तक कि पैचवर्क से लेकर सफाई के लिए धन न होने पर नगर निगम शासन का मुंह ताकता है।
लापरवाही के साथ 'खेल'नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन सभी प्रापॅर्टीज से हाउस टैक्स न वसूले जाने के पीछे सेटिंग का खेल है। फिलहाल जोन-2 के सभी रेवेन्यू इंस्पेक्टर्स को नवंबर तक का वक्त देकर वसूली के आदेश दिए गए हैं। न करने वालों पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जोन-2 स्थित 18 वार्डो के एरिया में नई बनी 12719 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी चिह्नित हुई हैं। इसमें अभी तक 3791 प्रॉपर्टी का ही टैक्स निर्धारण हुआ है।
करोड़ों का मिलता रेवेन्यू नगर निगम पिछले 4 सालों से कंगाली के हाल में है। लेकिन बावजूद इसके टैक्स कलेक्शन को लेकर अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। इस मामले में भी नगर निगम को लगभग 2.5 करोड़ रुपए का लॉस हुआ है। एक प्रॉपर्टी से वसूले जाने वाले टैक्स को अगर 3,000 रुपए भी मान लिया जाए तो नगर निगम को 2.5 करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू मिलता है। ---------------- कुछ प्रमुख वार्ड जिनसे नहीं वसूला टैक्स वार्ड नॉन रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी इनसे नहीं वसूला टैक्स 10 665 36319 357 248
29 465 309 30 574 493 37 783 554 39 1325 915 44 761 67648 545 398
53 1688 1201 66 640 463 67 1451 1282 -------------------- 8,928 प्रॉपर्टी का टैक्स नहीं वसूला जा सका है। नवंबर तक सभी प्रॉपर्टी से टैक्स वसूलने का टारगेट है। वसूली न करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। अमृत लाल बिंद, अपर नगर आयुक्त।