शहर में हादसों का सिलसिला जारी है. कोहरे पडऩे से हादसों की रफ्तार और तेज हो गई है. ऐसे में यातायात विभाग छोटी-छोटी इंजीनियरिंग से शहर के ब्लैक स्पाट में सुधार करके उन्हें खत्म करने की कवायद कर रहा है. इसे लेकर प्रशासन को पूरी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है. बिल्हौर के तीन ब्लैक स्पाट पर अब एलीवेटेड हाईवे बन चुका है ऐसे में इन्हें समाप्त किया जाएगा. मंडे को डीसीपी ट्रैफिक ब्लैकस्पॉट्स की समीक्षा करेंगे. बता दें 2020 में इनकी संख्या 13 थी जबकि वर्तमान में 17 ब्लैकस्पॉट हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। शहर में हादसों का सिलसिला जारी है। कोहरे पडऩे से हादसों की रफ्तार और तेज हो गई है। ऐसे में यातायात विभाग छोटी-छोटी इंजीनियरिंग से शहर के ब्लैक स्पाट में सुधार करके उन्हें खत्म करने की कवायद कर रहा है। इसे लेकर प्रशासन को पूरी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। बिल्हौर के तीन ब्लैक स्पाट पर अब एलीवेटेड हाईवे बन चुका है, ऐसे में इन्हें समाप्त किया जाएगा। मंडे को डीसीपी ट्रैफिक ब्लैकस्पॉट्स की समीक्षा करेंगे। बता दें 2020 में इनकी संख्या 13 थी जबकि वर्तमान में 17 ब्लैकस्पॉट हैं।

ब्लैक स्पॉट का यह है नियम

ब्लैक स्पाट तय करने के लिए किसी भी ऐसे स्थान का चयन किया जाता है जहां अक्सर हादसे होते हैं। यह स्थान करीब 500 मीटर की सड़क होती है जिसे 100-100 मीटर के पांच हिस्सों में विभाजित किया जाता है। पिछले तीन वर्षों में चिह्नित की गई सड़क पर हादसों की संख्या और उसमें होने वाली मौत का आंकड़ा जुटाया जाता है। फिर विभाजित किए गए 100-100 मीटर के स्थान पर, कहां ज्यादा हादसे हो रहे हैं, यह देखा जाता है। चिह्नित स्थान पर तीन साल में पांच हादसे और 10 मौतें होने पर उस स्थान को ब्लैक स्पाट घोषित कर दिया जाता है।

एलीवेटेड हाईवे ने दी राहत, यह ब्लैक स्पॉट हटेंगे

- नानामऊ तिराहा थाना बिल्हौर एनएच-27 कानपुर-अलीगढ़ हाईवे पर फ्लाइओवर व अंडरपास न होने के कारण दुर्घटनाएं होती थीं
- चंडाली क्रासिंग बिल्हौर एनएच-27 कानपुर-अलीगढ़ हाईवे पर फ्लाइओवर व अंडरपास न होने के दुर्घटनाएं होती थीं
- उन्नाव-बांगरमऊ रोड नानामऊ बिल्हौर का मार्ग संकरा, डिवाइडर रहित व अंडरपास न होने के कारण दुर्घटनाएं होती थीं

Posted By: Inextlive