खतरे में बच्चों की जान ..
- बालरोग अस्पताल में एडमिट होने वाले क्रिटिकल बच्चों की लाइफसेविंग के लिए आए 5 वेंटीलेटर बिना चले ही खराब
- कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए भेजे लेटर, लेकिन कोई सुनवाई नहीं, उधार के वेंटीलेटर से बच्चों का हो रहा इलाज KANPUR: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बालरोग अस्पताल में क्रिटिकल बच्चों की जान बचाने के लिए आए लाखों रुपए के वेंटीलेटर बिना एक दिन चले ही खराब हो गए। बिना वेंटीलेटर पीआईसीयू में बच्चों का ट्रीटमेंट मुश्किल में पड़ गया है। सैकड़ों बच्चों की जान पर भी संकट के बादल छाए हुए हैं। वहीं वेंटीलेटर सप्लाई करने वाली कंपनी की कॉलेज के अधिकारियों के साथ सांठगांठ ऐसी है कि बिना वेंटीलेटर चले ही पूरा पेमेंट भी कर ि1दया गया। 90 लाख से आए थे वेंटीलेटरमेडिकल कॉलेज के बालरोग अस्पताल में 2014 में 90 लाख रुपए पीडियाट्रिक वेंटीलेटर खरीदने के लिए मिले थे। 2016 में इनकी खरीददारी की प्रक्रिया शुरू हुई। 2018 में पीआईसीयू में 5 वेंटीलेटर इंस्टॉल किए गए, लेकिन इनमें से एक भी वेंटीलेटर आज तक चला ही नहीं। इस बीच वेंटीलेटर सप्लाई करने वाली फर्म जीटी इंटरप्राइजेज को पूरा पेमेंट हो गया। वेंटीलेटर नहीं चलने पर पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की ओर से कई बार कंपनी से इसे सही करने के लिए कहा गया, लेकिन कंपनी वाले कभी नहीं आए। इन वेंटीलेटरों की 2023 तक वारंटी भी है। इसके बाद भी कंपनी ने वारंटी शर्ताें को भी दरकिनार कर दिया।
-------------------- 2014 में 90 लाख रुपए मिले वेंटीलेटर खरीद के लिए 2016 में वेंटीलेटर खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई 2018 में पीआईसीयू में 5 वेंटीलेटर इंस्टॉल किए गए 2023 तक वारंटी भी है इन सभी वेंटिलेटर की क्यों नहीं किया ब्लैक लिस्ट बार बार लेटर लिखने के बाद भी जब कंपनी की ओर से वेंटीलेटर चलाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। तो उसके बाद पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की ओर से इस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश कर दी गई। इसके लिए डिपार्टमेंट की ओर से स्टोर इंचार्ज, एफसी, परचेज कमेटी को कई बार लेटर लिखे गए, लेकिन आज तक कोई सुनवाई ही नहीं हुई। बच्चों की जान खतरे में कैसे- - बालरोग विभाग के एसएनसीयू की कैपेसिटी 25 बच्चों की, एडमिट होने की औसत दर 50 से ज्यादा - मेडिसिन आईसीयू से दो वेंटीलेटर उधार लेकर चलाया जा रहा पीआईसीयू - 12 डिस्ट्रिक्ट से आते हैं बच्चे एनआईसीयू में एडमिट होने को- वेंटीलेटर नहीं होने से क्रिटिकल बच्चों को प्राइवेट हास्पिटल या केजीएमयू रेफर करने को मजबूर डॉक्टर्स
वेंटीलेटर सप्लाई करने वाली कंपनी से बात हुई है, उन्होंने दो तीन दिन में वेंटीलेटर सही कराने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर 2023 तक की उनकी बैंक गारंटी को सीज कर दिया जाएगा। - डॉ। सीएस सिंह, सेंट्रल स्टोर प्रभारी, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज