दो दिन से शहर के बाहरी इलाकों में बाढ़ के कहर से शनिवार को कुछ राहत मिलती दिखाई दी. दोपहर बाद का गंगा जलस्तर स्थिर हो गया वहीं पांडु नदी का लेवल कम होने लगा. गौरतलब की बाढ़ की वजह गंगा और पांडु नदी किनारे बसे हजारों लोग प्रभावित हैं. घरों में पानी भरने से हजारों लोग या तो घरों को छोडक़र पलायन कर चुके हैं या छतों पर बसेरा बनाए हुए हैं. कटरी सहित कई गांवों में सैकड़ों बीघा फसल भी डूब चुकी है.

कानपुर (ब्यूरो)। दो दिन से शहर के बाहरी इलाकों में बाढ़ के कहर से शनिवार को कुछ राहत मिलती दिखाई दी। दोपहर बाद का गंगा जलस्तर स्थिर हो गया वहीं पांडु नदी का लेवल कम होने लगा। गौरतलब की बाढ़ की वजह गंगा और पांडु नदी किनारे बसे हजारों लोग प्रभावित हैं। घरों में पानी भरने से हजारों लोग या तो घरों को छोडक़र पलायन कर चुके हैं या छतों पर बसेरा बनाए हुए हैं। कटरी सहित कई गांवों में सैकड़ों बीघा फसल भी डूब चुकी है। हालांकि एडमिनिस्ट्रेशन ने फ्लड इफेक्ट एरिया में नावों से मदद पहुंचा रहा है

और बढ़ गया गंगा का जलस्तर
सैटरडे को गंगा का जलस्तर और बढक़र शुक्लागंज साइड 113.15 मीटर हो गया है। अपस्ट्रीम गंगा बैराज में जलस्तर चेतावनी बिन्दु के पार होने के कारण लगातार दूसरे दिन 4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। इसकी वजह से कटरी की फसलें डूब चुकी है। गांवों में पानी भर रहा है और कटान हो रही है। बैराज किनारे बसे गांवों चैनपुरवा, लक्ष्मीखेड़ा, लोधवाखेड़ा, देवनीपुरवा आदि प्रभावित हैं। गंगा बैराज बाढ़ चौकी प्रभारी प्रतीक शुक्ला के मुताबिक रास्तों में पानी भरा है। नावों के जरिए सूखा राशन गांवों में पहुंचाया जा रहा है। हालांकि दोपहर बाद गंगा का जलस्तर स्थिर होने से राहत मिली।

पानी घटने से मिली राहत
पांडु नदी में बाढ़ के कारण पिछले कई दिनों साउथ सिटी के मायापुरम, वरुण विहार, पनका बहादुर नगर के आदि मोहल्लों में घरों के अन्दर पानी भर गया था। जलस्तर कम होने से राहत मिली। पनका बहादुर नगर के राहुल ने बताया कि ज्यादातर घरों से अब पानी निकल चुका है। रास्तों में भरा पानी जरूरत परेशानी का सबब बना हुआ है। हालांकि हालात को देखते हुए प्रशासन की टीमें लगातार नजर बनाए हुए हैं। राशन पानी की व्यवस्था की जा रही है।

Posted By: Inextlive