Kanpur News: 29 घंटे बाद बहाल हुआ कानपुर मुंबई रेल रेल रूट
कानपुर (ब्यूरो)। गोविंदपुरी स्टेशन के आउटर स्थित दादानगर पुल के पास फ्राइडे देर रात 2.30 बजे हुए साबरमती एक्सप्रेस डिरेलमेंट हादसे के 29 घंटे बाद कानपुर-मुम्बई रूट बहाल हो सका। संडे की सुबह 7.41 बजे रेलवे ऑफिसर्स ने ट्रैक रिप्लेसमेंट करने के बाद गुड्स ट्रेन चलाकर ट्रैक की मजबूती का ट्रायल लिया। जिसके बाद रूट में पैसेंजर्स ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया। ट्रैक बहाल होने के बावजूद संडे को झांसी, भोपाल, मुम्बई रूट के हजारों पैसेंजर्स को ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या से रूबरू होना पड़ा।
पहली पैसेंजर ट्रेन निकली गोरखपुर-एलटीटी
एनसीआर सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि संडे की सुबह कानपुर-मुम्बई रूट के अप व डाउन दोनों ट्रैक पूरी तरह से बहाल हो गए थे। ट्रैक मेंटीनेंस के बाद डाउन रूट में पहली पैसेंजर ट्रेन एर्नाकुलम-बरौनी एक्सप्रेस का संचालन किय गया। वहीं अप ट्रैक में पहले गुड्स ट्रेन और बाद में गोरखपुर-एलटीटी पैसेंजर्स का संचालन सुबह 7.52 बजे किया गया। घटना के 29 घंटे के बाद ट्रेनों का संचालन पहले की तरह होने लगा लेकिन ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या संडे को पैसेंजर्स को फेस करनी पड़ी।
पांच सदस्यीय टीम जीएम को सौंपेगी रिपोर्ट
एनसीआर रीजन के सीपीआरओ के मुताबिक जीएम की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया। जोकि मामले की जांच करेगी। टीम के सदस्या से दो से तीन दिनों में घटनास्थल का मुआएना कर सकते हैं। घटनास्थल व फ्राइडे की देर रात दुर्घटनाग्रस्त हुई साबरमती एक्सप्रेस के ड्राइवर, गार्ड समेत वर्तमान में ट्रेन में तैनात अन्य स्टॉफ के बयान दर्ज किए जाएंगे। जांच के आधार पर टीम जो रिपोर्ट तैयार करेगी। वह पहले एनसीआर रीजन के जीएम व बाद में रेलवे बोर्ड दिल्ली को सौंपी जाएगी।
200 मीटर में लगे 9 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की चेक
साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने की जांच जीआरपी, आरपीएफ और कानपुर कमिश्नरेट के साथ एजेंसी भी कर रही हैैं। संडे को सभी एजेंसियां जांच कर रही थीं। इसी दौरान डीसीपी वेस्ट राजेश सिंह भी घटनास्थल पर पहुंंचे और मामले की जांच की। डीसीपी वेस्ट ने बताया कि घटनास्थल के आस पास 200 मीटर के एरिया में लगे 9 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की जा रही है। अभी तक की जांच में क्लैैंप और पटरी की जांच की गई है। मिनी सीन रिक्रिएशन किया गया है। जिसके मुताबिक ये सिद्ध हुआ है कि क्लैंप ऊपर से नहीं बांधा जा सकता है। अगर पटरी में किसी तरह से तार बांधा भी जाता है तो व प्रेशर पडऩे पर टूट जाएगा। आगे की जांच आरपीएफ और जीआरपी के साथ पुलिस कमिश्नरेट और दूसरी एजेंसी भी कर रही हैैं।
पनकी में दर्ज हुआ मुकदमा
ट्रेन एक्सीडेंट के मामले में सैटरडे शाम को सीनियर सेक्सन इंजीनियर रेलपथ, जूही, महेंद्र प्रताप सिंह सिसोदिया की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ बीएनएस 123 और रेलवे एक्ट 150, 151 व 152 के तहत पनकी थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है। तहरीर के मुताबिक ट्रेन दुर्घटना ट्रैक में अज्ञात व्यक्ति के रेल पटरी का 0.93 एम का टुकड़ा रखने से हुआ है। जोकि घटनास्थल पर बरामद हुआ है। सीनियर सेक्सन इंजीनियर की दी गई अप्लीकेशन के मुताबिक घटनास्थल पर एक पुराना रेल टुकड़ा बरामद हुआ है। जिसमें फ्रेश हिटिंग मार्क थे। जोकि ट्रेन के इंजन के कैटल गार्ड से टकराने से आए थे। जूही आरपीएफ इंस्पेक्टर विमलेश यादव ने बताया कि रेलवे एक्ट की धारा 150, 151 व 152 सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना और पैसेंजर्स की जान खतरे में डालना के आरोप में मामला पनकी थाने में दर्ज किया गया है। इन धाराओं के तहत आजीवन कारावास तक का प्रविधान है।
जीएम की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया। टीम के सदस्या से दो से तीन दिनों में घटनास्थल का मुआएना करेंगे। वहीं घटनास्थल पर ट्रैक मेंटिनेंस का काम पूरा करने के बाद संडे सुबह रूट को बहाल कर दिया।
शशिकांत त्रिपाठी, सीपीआरओ, एनसीआर रीजन