शरीर के किसी भी ज्वाइंट में काफी समय तक दर्द बना हुआ है तो इसका बिल्कुल भी इग्नोर न करें. क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही आपको जीवन भर का दर्द दे सकती है. यह बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं. बल्कि हैलट उर्सला व काशीराम समेत प्राइवेट हॉस्पिटल में आर्था स्पेशलिस्ट के पास गठिया से ग्रसित पहुंच रहे पेशेंट की संख्या को देखते हुए कह रहे हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। शरीर के किसी भी ज्वाइंट में काफी समय तक दर्द बना हुआ है तो इसका बिल्कुल भी इग्नोर न करें। क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही आपको जीवन भर का दर्द दे सकती है। यह बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं। बल्कि हैलट, उर्सला व काशीराम समेत प्राइवेट हॉस्पिटल में आर्था स्पेशलिस्ट के पास गठिया से ग्रसित पहुंच रहे पेशेंट की संख्या को देखते हुए कह रहे हैं। तीनों गवर्नमेंट हॉस्पिटल में डेली 70 से अधिक पेशेंट सिर्फ गठिया की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन पेशेंट में महिलाओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा अधिक हैं।

ज्वाइंट में जमा हो जाता यूरिक एसिड
स्पेशलिस्ट के मुताबिक, जिस तरह ब्लड शुगर लेवल का बढऩा शरीर के लिए खतरनाक होता है, उसी तरह यूरिक एसिड का बढऩा भी बॉडी के लिए नुकसानदायक होता है। जिसके बढऩे से शरीर के छोटे से लेकर बड़े जोड़ों में काफी दर्द होता है। लापरवाही करने या बिना डॉक्टर के परामर्श के काफी समय तक पेन किलर का सेवन करने से यह समस्या और गंभीर हो जाती है। वहीं, जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने की वजह व्यक्ति गठिया की चपेट में आ जाता है, तब उसे चलने-फिरने में भी दिक्कत होती है।

कहीं दर्द हो तो हल्के में न लें
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के आर्थों व मेडिसिन डिपार्टमेंट में ज्वाइंट में कई माह व साल से पेन होने की समस्या लेकर डेली 40 से अधिक पेशेंट आ रहे हैं। ऐसा तब होता है, जब खून में यूरिक एसिड बढऩे लगता है। कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल प्रो। रिचा गिरी ने बताया कि शरीर में होने वाले किसी भी दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह समस्या प्यूरिन नामक प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म की विकृति से होता है। ब्लड में यूरिक ऐसिड की मात्रा जब बढ़ जाती है, तब व्यक्ति कुछ देर के लिए भी बैठता या फिर सोता है तो यह यूरिक एसिड जोड़ों में एकत्र हो जाते है, जो अचानक चलने या उठने में तकलीफ देता है।


60 प्रतिशत महिलाओं को गठिया
हैलट के आर्थों डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। संजय कुमार ने बताया कि आर्थराइटिस जोड़ों को प्रभावित करने वाली गंभीर समस्या है। जिसका खतरा लोगों में बढ़ता जा रहा है। इसकी मुख्य वजह में गलत खानपान, एक्सरसाइज या योग न करना, शराब, तंबाकू व गुटखा का सेवन और अनियमित जीवनशैली शामिल है। वहीं, पर्यावरण में बदलाव भी इसका कारण हो सकता है। ओपीडी में आने वाले करीब तीन सौ पेशेंट की केस स्टडी की गई जिनर्मं से करीब 70 परसेंट लोग गठिया ग्रस्त मिले, जो सिर्फ आम दर्द की समस्या लेकर ओपीडी में दिखाने पहुंचे थे। इनमें से 60 प्रतिशत महिलाएं शामिल थी।

क्या करें
अगर आपके जोड़ों में जरा सा भी दर्द, शरीर में हल्की अकडऩ है तो भी सबसे पहले किसी डाक्टर को दिखाएं।
दिनचर्या नियमित रहे। डाक्टर की सलाह पर नियमित व्यायाम करें।
नियमित टहलें, घूमें-फिरें, व्यायाम एवं मालिश करें।
सीढिय़ां चढ़ते समय, घूमने-फिरने जाते समय छड़ी का प्रयोग करें।
ठंडी हवा, नमी वाले स्थान व ठंडे पानी के संपर्क में न रहें।
घुटने के दर्द में पालथी मारकर न बैठें।

Posted By: Inextlive