साइबर अटैक और साइबर घुसपैठ देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा चैलेंज बन चुका है. बैंकिंग सेक्टर हो एजूकेशनल या फिर पावर सप्लाई सिस्टम सभी पर साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है. इस चैलेंज से निपटने के लिए आईआईटी कानपुर बड़ी भूमिका निभा रहा है. अब आईआईटी कानपुर और नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एनपीटीआई मिलकर देश में पावर ग्रिड की साइबर सिक्योरिटी को बढ़ाने का काम करेंगे. इस काम के लिए रिसर्च और कैपिबिलिटीज को बढ़ाने की दिशा में मजबूत सहयोग के उद्देश्य से दोनों इंस्टीट्यूट्स के बीच एक एमओयू साइन हुआ है.

कानपुर (ब्यूरो)। साइबर अटैक और साइबर घुसपैठ देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा चैलेंज बन चुका है। बैंकिंग सेक्टर हो, एजूकेशनल या फिर पावर सप्लाई सिस्टम, सभी पर साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है। इस चैलेंज से निपटने के लिए आईआईटी कानपुर बड़ी भूमिका निभा रहा है। अब आईआईटी कानपुर और नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनपीटीआई) मिलकर देश में पावर ग्रिड की साइबर सिक्योरिटी को बढ़ाने का काम करेंगे। इस काम के लिए रिसर्च और कैपिबिलिटीज को बढ़ाने की दिशा में मजबूत सहयोग के उद्देश्य से दोनों इंस्टीट्यूट्स के बीच एक एमओयू साइन हुआ है।

ये है पार्टनरशिप का उद्देश्य
पार्टनरशिप का उद्देश्य एनपीटीआई में ऑपरेशन टेक्नोलॉजी और सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विीजिशन सिस्टम, साइबर सिक्योरिटी लैब की स्थापना के लिए डीपीआर तैयार करना है। ये सिस्टम पॉवर सिस्टम ऑपरेशन संगठनों जैसे कि बिजली वितरण उपयोगिताओं या बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन कंपनियों के आईटी सिस्टम से अलग हैं। आईआईटी के सी3आई हब में आयोजित प्रोग्राम में आईआईटी के डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोफेसर तरुण गुप्ता, एनटीपीआई की डीजी डॉ। तृप्ता ठाकुर और सी3आई हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो। संदीप शुक्ला रहे।

माडर्न लैब की डीपीआर
आईआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा समय में साइबर अटैक और साइबर घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। आईआईटी कानपुर भारत के पावर ग्रिड की साइबर सिक्योरिटी को बढ़ाने के लिए एनपीटीआई के साथ पार्टनरशिप कर रहा है। साइबर सिक्योरिटी रिसर्च में हमारी व्यापक विशेषज्ञता के साथ, यह सहयोग देश की टेक्नोलॉजी प्रोग्रेस में कांट्रीब्यूशन के हमारे मिशन को मजबूत करता है।

विजन का करेंगे साकार
सी3आईहब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो। संदीप शुक्ला ने कहा कि कहा कि डीपीआर की तैयारी पावर सिस्टम ओटी और स्काडा लैब के विजन को साकार करने की दिशा में एक आधारभूत कदम है। यह लैब माडर्न होगी और इसमें विभिन्न भारतीय उपयोगिताओं में ऑपरेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम में उपयोग किए जाने वाले सबसे आम घटक होंगे।

प्रोफेशनल्स की स्किल बढ़ाएंगे
एनपीटीआई की डीजी डॉ। तृप्ता ठाकुर ने पावर सेक्टर के प्रोफेशनल्स की स्किल को बढ़ाने पर लैब के संभावित प्रभाव पर जोर दिया। कहा कि एनपीटीआई अपने कार्यबल को नवीनतम तकनीकी जानकारी से सुसज्जित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आईआईटी के डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो। तरुण गुप्ता ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत के पावर ग्रिड के साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो देश की तकनीकी क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी कानपुर और एनपीटीआई की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Posted By: Inextlive