बाल बंदियों को काउंसिलिंग कर उन्हें सुधारना है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. यहां पर जाने वाले बंदी क्राइम करना तो नहीं छोड़ता है बल्कि और बड़े क्राइम को अंजाम देनेेे लगता है. ऐसा ही एक मामला कानपुर का सामने आया है. वेडनसडे को रावतपुर से दो किशोर ऑटो लिफ्टर जेल भेजे गए. जानकारी पर पता चला कि ये दोनों किशोर पहले चोरी के अलग-अलग मामलों में बाल सुधार गृह भेजे जा चुके हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। इटावा का बाल सुधार गृह बाल &बिगाड़&य गृह बनता जा रहा है। बाल सुधार गृह का काम क्राइम करने वाले बाल बंदियों को काउंसिलिंग कर उन्हें सुधारना है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। यहां पर जाने वाले बंदी क्राइम करना तो नहीं छोड़ता है, बल्कि और बड़े क्राइम को अंजाम देनेेे लगता है। ऐसा ही एक मामला कानपुर का सामने आया है। वेडनसडे को रावतपुर से दो किशोर ऑटो लिफ्टर जेल भेजे गए। जानकारी पर पता चला कि ये दोनों किशोर पहले चोरी के अलग-अलग मामलों में बाल सुधार गृह भेजे जा चुके हैं। यहां आने के बाद दोनों की दोस्ती हुई। इसके बाद उन्होंने गैंग बनाकर चोरी करने का प्लान बनाया। दिसंबर 2023 में दोनों अलग-अलग तारीखों पर बाल सुधार गृह से बाहर आए और ऑटो लिफ्टर गैैंग में शामिल हो गए। चेहरे की मासूमियत देखकर पुलिस इन पर शक नहीं करती थी और ये आसानी से वारदातों को अंजाम दे रहे थे। ऐसे में चिंता वाली बात है कि बाल सुधार गृह में बंदियों के सुधरने से ज्यादा बंदी बिगड़ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि यहां पर मेजर और माइनर क्राइम वाले बंदियों को एक साथ रखा जाता है।


एक साल मेें एक दर्जन चोरी की वारदातों में दिखे किशोर

साउथ जोन के थाना क्षेत्रों में करीब एक साल में एक दर्जन से ज्यादा चोरियां हुई हैं, जिसमें किशोरों ने लोगों के घरों व दुकानों के ताले तोडक़र लाखों का माल समेटा है। इस गिरोह के सरगना को अब तक पुलिस तलाश नहीं कर सकी है। खास बात यह है कि जब भी किशोर चोरी में पकड़े जाते हैं तो उनकी पैरवी में कभी वकील तो कभी सफेदपोश थानों में पहुंच जाते हैं और बच्चा समझकर छोडऩे का आग्रह करते हैं। पुलिस भी कई बार बच्चा मानकर छोड़ देती है।

सरगना की हो रही तलाश

कुछ दिन पहले रतनलाल नगर में यूपीपीसीएल के रिटायर्ड एक्सईएन के ताला बंद घर से लाखों के जेवर व नकदी पार हुई थी। कुछ दिन बाद ही लोगों ने रतनलाल नगर स्थित एक घर में घुसे आठ किशोरों को नल की टोंटी चोरी करते पकडक़र पुलिस को सौंपा था। पुलिस पूछताछ में उन्होंने रिटायर्ड एक्सईएन के घर की चोरी कबूली थी। पुलिस ने चोरी हुए जेवर भी बरामद किए लेकिन सिर्फ दो किशोरों को जेल भेजा था, जबकि छह को उनकी उम्र छोटी होने की बात कहकर छोड़ दिया था। पुलिस यह भी दावा कर रही थी कि वे दूसरी चोरी में शामिल थे। लगातार चोरियों में किशोरों के सामने आने पर पुलिस अब गिरोह के सरगना की तलाश में लग चुकी है।

पूरे कमिश्नरेट में एक्टिव किशोर चोरों का गैैंग

कानपुर कमिश्नरेट में लगाताार हो रहीं चोरियों में ज्यादातर किशोर पकड़े जा रहे हैं या फिर सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कैद हो रहे हैं। चोरों के इस गिरोह में ज्यादातर 12 से 16 वर्ष की उम्र के किशोर हैं। तात्याटोपे नगर में महिला व्यापारी नेता के घर 20 लाख की चोरी में फुटेज में किशोर ही संदिग्ध दिखे हैं। पुलिस भी मान रही है कि इन किशोर चोरों के गिरोह को जरूर कोई बड़ा संचालित कर रहा है। पुलि टीम उनकी तलाश में लगी हुई हैं।


अब तक इन चोरियों में भी पकड़े जा चुके किशोर

- 8 मार्च को बिधनू में किशोरों ने की चोरी। चार जेल भेजे गए थे।
- 12 मार्च को नौबस्ता में मोबाइल की दुकान में चोरी करने में किशोर गिरफ्तार हुए थे।
-16 मार्च को किदवई नगर में तीन दुकानों में चोरी का आरोपी एक किशोर पकड़ा गया।
-16 अप्रैल को गुजैनी में परचून की दुकान में चोरी करने में पांच किशोर पकड़े गए।
- 12 अप्रैल को भी इन्हीं किशोरों ने दबौली स्थित परचून की दुकान में की थी चोरी।
- 22 जून को गुजैनी में कामिनी देवी के घर चोरी हुई। चार किशोरों को गिरफ्तार किया था।
- 9 जुलाई को बर्रा में सर्राफ के घर पर चोरी के प्रयास में दो किशोर पकड़े गए थे।
- 10 जुलाई को रावतपुर पुलिस ने दो किशोर ऑटो लिफ्टर्स को जेल भेजा।

Posted By: Inextlive