आजकल कानपुराइट्स के फोन पर शातिरों की कॉल्स आना आम हो गया है. इन कॉल्स के माध्यम से जालसाज फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगने में लगे हुए हैैं. आपका बेटा झगड़ा करने के बाद पकड़ा गया है आपका बेटा किडनैपिंग में पकड़ा गया है आपका बेटा रेप में पकड़ा गया है या आपका कुछ सामान मुंबई कस्टम डिपार्टमेंट ने पकड़ा हैैं. इस तरह की बात कहकर लोगों से खातों में रूपये की मांग करते हैैं.

कानपुर (ब्यूरो)। आजकल कानपुराइट्स के फोन पर शातिरों की कॉल्स आना आम हो गया है। इन कॉल्स के माध्यम से जालसाज फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर ठगने में लगे हुए हैैं। आपका बेटा झगड़ा करने के बाद पकड़ा गया है, आपका बेटा किडनैपिंग में पकड़ा गया है, आपका बेटा रेप में पकड़ा गया है या आपका कुछ सामान मुंबई कस्टम डिपार्टमेंट ने पकड़ा हैैं। इस तरह की बात कहकर लोगों से खातों में रूपये की मांग करते हैैं। चकेरी पुलिस ने ऐसे चार शातिरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कई बैैंकों के डेबिट कार्ड, नगदी और ठगी में यूज होने वाले अन्य सामान मिला है।

इन पैैंतरों से भी करते थे साइबर फ्रॉड
शातिरों ने पुलिस को बताया कि वह लोगों को जाल में फंसाकर उनके फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार कर फर्जी खाते खुलवाते थे। चेक बुक और एटीएम किसी भी पोस्ट ऑफिस के पते पर मंगा लेते थे। इन खातों का यूज कर लोगों से ठगी और साइबर फ्रॉड करते थे। एटीएम व अकाउंट ब्लॉक होने के बाद उन बेकार एटीएम को बैैंकों के एटीएम में जाकर लोगों की मदद करने के नाम पर कार्ड बदलकर उनके एटीएम से रुपये निकाल लेते थे।

पुलिस के मुताबिक ट्रू-कॉलर पर नंबर के साथ नाम शो होने की वजह से शातिर महाराष्ट्र और राजस्थान के सिम यूज करते थे। इससे पुलिस भी धोखे में रहती थी। जब तक सिम की डिटेल सामने आती थी। तब तक शातिर अपने खाते में रुपये ट्रांसफर कर लेते थे। इतना ही नहीं टीम के मुताबिक ठगी के बाद शातिर पुलिस को भ्रमित करने के लिए कई खातों में रुपये ट्रांसफर करते थे। जिससे उनको ठगी गई रकम को ठिकाने लगाने का समय मिल सके।

सतर्कता में ही समझदारी
पुलिस की कानपुराइट्स से ये अपील है कि अपने बैैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें। फोन पर आने वाले संदिग्ध कॉल जिसमें कोई भी व्यक्ति पुलिस अधिकारी बनकर आपको डराने और धमकाने की बात करता है तो तुरंत अपने नजदीकी थाने या साइबर सेल को सूचना दें।

क्राइम पेट्रोल और फिल्मों से सीखा
पुलिस हिरासत में शातिर ठगों ने बताया कि उन्होंने क्राइम पेट्रोल और फिल्मों से पुलिसिया बोलचाल सीखी। खाली समय में वे यूट्यूब पर पुलिस के फिल्मी डॉयलॉग सुना करते थे। बोलने की प्रैक्टिस किया भी करते थे। शातिरों के मुताबिक ये उनकी ट्रेनिंग में शामिल था। बताते चलें कि इस पूरे गैैंग का लीडर फरार सचिन उर्फ आनंद ही ट्रेनिंग करता था।

हाउस अरेस्ट कर फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर खातों में रुपये डलवाने वाले गैैंग का पर्दाफाश कर चार लोगों को अरेस्ट किया गया है। गैैंग लीडर सचिन उर्फ आनंद और गैैंग के दूसरे मेंबर्स की तलाश की जा रही है।
श्रवण कुमार सिंह, डीसीपी ईस्ट

Posted By: Inextlive