Kanpur News: दिवाली पर 46 जगहों पर आग, फायर फाइटर्स बने ‘चकरघिन्नी’
कानपुर (ब्यूरो)। दीपावली से भाई दूज तक तीन दिनों में शहर में 46 जगहों पर आग लगी। इसमें लाखों का नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं, कारोबारी सहित तीन लोगों को हादसे में जान गंवानी पड़ी है। कहीं पूजा के बाद रखे गए दीपक से आग लगी तो कहीं शॉर्ट सर्किट वजह बनी। एक के बाद एक ताबड़तोड़ आग की सूचना पर फायर फाइटर्स के पसीने छूट गए। वो चकरबिन्नी बन कभी इधर तो कभी उधर जाते दिखे।
बिरहाना रोड दवा मार्केट में लगी आगसीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि बिरहाना रोड दवा मार्केट में विकास गुप्ता की शिवा फार्मा के नाम से दवा की दुकान है। सैटरडे दोपहर को शॉर्ट सर्किट से दुकान में आग लग गई। आग पहली मंजिल तक पहुंच गई और परिवार के सात लोग भीतर फंस गए। सूचना पर फायर ब्रिगेड की दो गाडिय़ां मौके पर पहुंची। आग में फंसे लोगों को अपनी जान पर खेलकर मुख्य अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा, लाटूश रोड अग्निशमन अधिकारी कैलाश चंद्रा, कर्नलगंज अग्निशमन अधिकारी प्रदीप शर्मा, फायरमैन संदीप कुमार, शैलेश नायक और राकेश साहू ने बचाया। इसके बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया।
सीसामऊ और गणेश नगर में भी हादसासीसामऊ में सुरेंद्र और उनकी पत्नी की आग की वजह से मौत हो गई। वहीं देर शाम भदौरिया चौराहा सीसामऊ में फर्नीचर का शोरूम जलकर पूरी तरह से खाक हो गया। वहीं बर्रा के कारगिल पेट्रोल पंप के पास स्थित एक दुकान में आग लग गई। फजलगंज से पहुंचे एक फायर टैैंकर ने आग पर काबू पाया। गोविंद नगर स्थित उद्योग कुंज साइट-5 में प्लास्टिक की फैक्ट्री में आग लग ने की सूचना पर फायर स्टेशन फजलगंज से 03 यूनिट पनकी, किदवईनगर व मीरपुर से पहुंची और आग पर काबू पाया। ग्वालटोली थाना क्षेत्र के अंतर्गत पीडब्ल्यूडी कैम्पस कार्यालय में आग की सूचना पर 1 यूनिट प्रदीप कुमार शर्मा करनलगंज के नेतृत्व में पहुंची और आग पर काबू पाया।
पीडब्लयूडी ऑफिस की फाइलें राखसीएफओ ने बताया कि शुक्रवार रात को ग्वालटोली थाना क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी कैंपस ऑफिस में बने कार्यालय में आग लग गई थी। आग की चपेट में आने से दफ्तर में रखा सामान जलने लगा। इसमें सरकारी फाइलें भी बड़े पैमाने पर थीं। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों ने करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया। इस दौरान पीडब्ल्यूडी के अफसर भी मौके पर पहुंचे। इसी तरह छोटी-बड़ी आग की 46 सूचनाओं पर फायर ब्रिगेड के कर्मचारी चकरघिन्नी बने रहे। सीएफओ ने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा आग की घटनाएं गलत जगह पर दीपक रखने से हुई हैं। इसके बाद पटाखे और अन्य वजहों से आग लगी है।