सिटी से होकर गुजरने वाले ङ्क्षरग रोड पर चार नए बस अड्डे बनाने की राह आसान नही है. रोडवेज ऑफिसर्स ने बस अड्डों के लिए सचेंडी रैकेपुर हींगूपुर कछार बिठूर कुलगांव चकेरी मगरासा बिधनू और बैदानी बिल्हौर को मिलाकर 6 स्थानों कीं जमीन चिंहित की थीं. इनमें प्राइवेट लैंड भी आ रही थी. प्राइवेट लैंड के अधिग्र्रहण में परेशानी हो सकती है.


कानपुर (ब्यूरो)। सिटी से होकर गुजरने वाले ङ्क्षरग रोड पर चार नए बस अड्डे बनाने की राह आसान नही है। रोडवेज ऑफिसर्स ने बस अड्डों के लिए सचेंडी, रैकेपुर, हींगूपुर कछार बिठूर, कुलगांव चकेरी मगरासा बिधनू और बैदानी बिल्हौर को मिलाकर 6 स्थानों कीं जमीन चिंहित की थीं। इनमें प्राइवेट लैंड भी आ रही थी। प्राइवेट लैंड के अधिग्र्रहण में परेशानी हो सकती है। शायद यही वजह है कि शासन को भेजी गई प्रोजेक्ट फाइल अटकी हुई है। ऐसे में ङ्क्षरग रोड पर चार नए बस अड्डे बनाने की प्रक्रिया अधर में अटक सकती है।
रोडवेज के रीजनल मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि ङ्क्षरग रोड के दोनों ओर 10-10 एकड़ जमीन पर बस अड्डा बनाने का फैसला लिया गया है। इसमें रोडवेज को फ्री भूमि दी जानी है। छह सितंबर को टीम ने छह स्थानों का सर्वे कर सर्किल रेट, क्षेत्र की लोकेशन सहित अन्य ङ्क्षबदुओं पर रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेज दी गई थी। अब तक वहां से फाइल को मंजूरी नहीं मिली है।

Posted By: Inextlive