पनकी दादानगर शहर का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है. छोटी बड़ी मिलाकर हजारों फैक्ट्रियां हैं. हर साल आग लगने की घटनाओं के चलते करोड़ों का लॉस होता है. क्योंकि इंडस्ट्रियल एरिया होने के बावजूद इसका अपना कोई फायर स्टेशन नहीं है. इंडस्ट्रिलिस्ट््स की डिमांड पर पनकी में फायर स्टेशन बनाने का काम वर्ष 2017 में शुरू हुआ था लेकिन अब तक यह कपंलीट नहीं हो सका है. बजट न मिलने के कारण प्रोजेक्ट अटका हुआ है. वहीं लेटलतीफी के चलते प्रोजेक्ट कास्ट भी बढ़ गई है. हालांकि आधे-अधूरे काम के बावजूद इसे रिमोट फायर स्टेशन बना लिया. एक फायर टेंडर के साथ फायर इम्प्लाई मौजूद रहते हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। पनकी दादानगर शहर का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है। छोटी बड़ी मिलाकर हजारों फैक्ट्रियां हैं। हर साल आग लगने की घटनाओं के चलते करोड़ों का लॉस होता है। क्योंकि इंडस्ट्रियल एरिया होने के बावजूद इसका अपना कोई फायर स्टेशन नहीं है। इंडस्ट्रिलिस्ट््स की डिमांड पर पनकी में फायर स्टेशन बनाने का काम वर्ष 2017 में शुरू हुआ था, लेकिन अब तक यह कपंलीट नहीं हो सका है। बजट न मिलने के कारण प्रोजेक्ट अटका हुआ है। वहीं लेटलतीफी के चलते प्रोजेक्ट कास्ट भी बढ़ गई है। हालांकि आधे-अधूरे काम के बावजूद इसे रिमोट फायर स्टेशन बना लिया। एक फायर टेंडर के साथ फायर इम्प्लाई मौजूद रहते हैं।

पहुंचने में हो जाती थी देर

दरअसल दादा नगर, पनकी , बजरंगबली औद्योगिक एरिया, इस्पात नगर आदि इंडस्ट्रियल एरिया में पांच हजार के लगभग छोटी-बड़ी फैक्ट्रीज हैं। इनमें बड़े पैमाने पर केमिकल व पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स आदि ज्वलनशील पदार्थो का यूज होता है। अक्सर फैक्ट्रीज में आग लगने की घटनाएं होती हैं। इसी वर्ष एक दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले वर्षो में आग लगने के हादसों में कई जाने भी जा चुकी है। इन इंडस्ट्रीज के सबसे नजदीक केवल एक फायर स्टेशन फजलगंज है। ये इंडस्ट्रियल एरिया बड़ा होने, रास्ते घुमावदार व लंबे और ट्रैफिक रश के कारण सभी जगह फायर ब्रिगेड को पहुंचने में खासा समय लग जाता है।

3.42 करोड़ से दो यूनिट का

हाईवे के पार स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में आग लगने पर सबसे अधिक समस्या होती है और दमकल गाडिय़ां पहुंचने में समय लग जाता है। इस बीच आग के भयावह रूप ले लेने से जान-माल तक नुकसान हो जाता था। इसी वजह लंबे समय से इंडस्ट्रियलिस्ट पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में फायर स्टेशन बनाए जाने की मांग कर रहे थे। वर्ष 2016 में शासन ने पनकी इंडस्ट्रियल एरिया फायर स्टेशन को पास कर दिया। 3.42 करोड़ रुपए दो यूनिट का फायर स्टेशन बनाया जाना था। फायर स्टेशन बनाने की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई। मार्च 2017 में फायर स्टेशन बनाने का काम शुरू हुआ।

लेटलतीफी से बढ़ रही प्रोजेक्ट कास्ट

फायर स्टेशन का स्ट्रक्चर बनाने के बाद काम ठप हो गया। यहां तक खिडक़ी व दरवाजे तक नहीं लगे। बिल्डिंग की फिनिशिंग तो दूर फर्श, बाउंड्रीवॉल सहित अन्य वर्क अब तक नहीं हो सके। इस बीच लेटलतीफी के कारण प्रोजेक्ट कास्ट बढक़र 4 करोड़ को पार कर गई। दिसंबर 2020 में रिवाइज प्रोजेक्ट कास्ट 4.09 करोड़ रुपए का प्रपोजल शासन को भेजा गया। जो कि अब तक पास नहीं हो सका है। इस बीच फायर स्टेशन बिल्डिंग के आसपास बड़ी-बड़ी झाडिय़ां उग आईं। जिनके बीच होकर फायर ब्रिगेड इम्प्लाइज को आना-जाना पड़ रहा है।

समस्या बताई लेकिन नहीं हुई सुनवाई

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कानपुर चैप्टर के प्रेसीडेंट दिनेश बरासिया ने बताया कि आग की बढ़ती घटनाओं की वजह से इंडस्ट्रियल एरिया में फायर स्टेशन बनाए जाने की लगातार मांग की जा रही थी। मांग पर शासन ने इसे पास किया। काम शुरू हुआ और स्ट्रक्चर बनकर तैयार हो गया लेकिन लंबे समय से काम ठप पड़ा है। आईआईए की टीम ने फायर डिपार्टमेंट के डीजी से मिलकर आधे-अधूरे बने फायर स्टेशन की समस्या बताई, फंड एलोकेट कराने की भी मांग की थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे में आधे अधूरे पड़े स्टेशन का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

Posted By: Inextlive