जीएसवीएसएस पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलाजी डिपार्टमेंट में चार अत्याधुनिक इंडोस्कोप की मदद से एक वर्ष तक के बच्चों में पेट की जटिलताओं का इलाज किया जा रहा है. इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड की मदद से पैंक्रियाज के कैंसर के साथ भीतरी अंगों का अध्ययन करना आसान हो गया है. इसके साथ ही पीडियाट्रिक इंडोस्कोप से एक वर्ष तक के बच्चों की इंडोस्कोपी भी की जा रही है. इससे बच्चों में होने वाली जन्मजात समस्या का निजात अल्सर एसिड रिफ्लक्स खाद्य एलर्जी संक्रमण और सीलिएक रोग का पता लगाना आसान हो जाएगा.

कानपुर (ब्यूरो)। जीएसवीएसएस पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलाजी डिपार्टमेंट में चार अत्याधुनिक इंडोस्कोप की मदद से एक वर्ष तक के बच्चों में पेट की जटिलताओं का इलाज किया जा रहा है। इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड की मदद से पैंक्रियाज के कैंसर के साथ भीतरी अंगों का अध्ययन करना आसान हो गया है। इसके साथ ही पीडियाट्रिक इंडोस्कोप से एक वर्ष तक के बच्चों की इंडोस्कोपी भी की जा रही है। इससे बच्चों में होने वाली जन्मजात समस्या का निजात, अल्सर, एसिड रिफ्लक्स, खाद्य एलर्जी, संक्रमण और सीलिएक रोग का पता लगाना आसान हो जाएगा।

लखनऊ, दिल्ली नहीं जाना होगा
जीएसवीएसएस पीजीआई के गैस्ट्रो डिपार्टमेंट के डॉ। विनय ने बताया कि विभाग को चार इंडोस्कोप मिले हैं, जिसकी मदद से इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड से जठरांत्र पथ और अग्न्याशय तथा यकृत सहित आस-पास के अंगों की गंभीरता को देखा जा सकेगा। इसके साथ ही पैंक्रियाज के कैंसर की जांच के साथ बायोप्सी लेने की सुविधा आसान हो गई है। उन्होंने बताया कि जीएसवीएसएस पीजीआई में पीडियाट्रिक इंडोस्कोप से एक वर्ष से कम आयु के बच्चों में पेट संबंधी विकार का इलाज अब आसान हो गया है। अभी तक इस प्रकार के इलाज लोगों को लखनऊ और दिल्ली जाना पड़ता था।

लाखों खर्च करने पड़ते थे
डॉ। विनय ने बताया कि प्राइवेट हॉस्पिटल में इसके लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ते थे। अब सिटी में ही अत्याधुनिक सुविधाएं आसानी से मिलेंगी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने बताया कि जीएसवीएसएस पीजीआई इलाज के साथ रिसर्च के क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रहा है। यहां के हर विभाग में विशेषज्ञ इलाज को नया आयाम देने में जुटे हुए हैं। गैस्ट्रो डिपार्टमेंट में तेजी से बढ़ रही पेशेंट की संख्या इसका प्रमाण पेश कर रही है।

Posted By: Inextlive