Kanpur News: आपकी दिवाली जगमग करने को सज गया इलेक्ट्रिक मार्केट
कानपुर (ब्यूरो)। दिवाली को रोशनी का पर्व भी कहा जाता है। ऐसे में इलेक्ट्रिक मार्केट ने भी आपके घर को रंग बिरंगी रोशनी से जगमग करने की तैयारी की है। स्पेशल अट्रैक्टिव आइटम्स से इलेक्ट्रिक बाजार जगमगा रहा है। इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स के शोरूम में रंग बिरंगी बिजली की झालरों से लेकर बिजली के दीये, स्टैंड पर लगे दीपक, इलेक्ट्रिक कंडील और बार-बार रंग बदलने वाले बल्ब आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इस बार चायनीज झालरों की अपेक्षा मेड इन इंडिया झालरों के साथ अन्य प्रोडक्ट््स को अधिक पसंद कर रहे हैं।
घरों में लगने लगी झालरें
इलेक्ट्रिक आइटम्स के व्यापारियों का कहना है कि बदलते समय के साथ अब इकोफ्रेंडली दिवाली मनाने की ओर कानपुराइट्स का रुझान बढ़ रहा है। लोग मिट्टी के दीयों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। बावजूद इसके मिट्टी के दीयों से रोशनी करना महंगा पडऩे और घरों, प्रतिष्ठानों को ज्यादा दिनों तक रोशन करने के लिए आज भी लोग झालरों को ही महत्व देते हैं। इसके चलते बाजार रंग बिरंगी और स्टाइलिश झालरों से भरा पड़ा है। हालांकि दिवाली में अभी 09 दिन बाकी हैं, बावजूद इसके लोगों ने घरों की सजावट शुरू कर दी है।
चायनीज प्रोडक्ट से बनाई दूरी
पिछले कुछ वर्षों से चीन के साथ चल रहे तल्ख संबंधों के कारण लोग चायनीज इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट से दूरी बना रहे हैं। हालांकि चायनीज झालरें देसी झालरों के मुकाबले काफी सस्ती मिलती हैं, लेकिन क्वालिटी और ड्यूरेबिलिटी के लिहाज से देसी झालरों के सामने चायनीज कहीं नहीं टिकतीं। चायनीज झालरों में देसी झालरों की अपेक्षा रोशनी कम होती है। यह उतनी टिकाऊ भी नहीं होती हैं, जबकि अच्छे रखरखाव से देशी झालरें कई साल चलती हैं। दुकानदारों का कहना है कि इस बार चायनीज झालरों की बिक्री बहुत कम है। इसलिए दुकानदार भी इससे किनारा किए हुए हैं।
शोरूम ओनर दीपक धवन बताते है कि बीते कुछ सालों से घर में झूमर लगाने का ट्रेंड भी काफी बढ़ा है। इसके अलावा दीवार लैंप भी लोग अपने घरों में लगवाते हैं। फेस्टिवल को देखते हुए इनकी डिमांड भी काफी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि शोरूम में रियायती दामों में कानपुराइट्स को उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने बताया कि एक दशक पहले लोग हवेली जैसी मकानों में झूमर लगवाते थे लेकिन इस ट्रेंड में बदलाव हो गया है अब लोग नार्मल मकानों में भी झूमर लगाना पसंद करते हैं।