आईआईटी कानपुर अब डायरेक्ट टू मोबाइल डी२एम टेक्नोलॉजी से एजुकेशन मैटेरियल का प्रसार डिजास्टर मैनेजमेंट पब्लिक सेफ्टी और क्रिटिकल अलर्ट जैसे कामों को करेगा. इस काम के लिए आईआईटी कानपुर ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स बीसाज-एन नई दिल्ली के साथ एक एमओयू साइन किया है.

कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी कानपुर अब डायरेक्ट टू मोबाइल (डी२एम) टेक्नोलॉजी से एजुकेशन मैटेरियल का प्रसार, डिजास्टर मैनेजमेंट, पब्लिक सेफ्टी और क्रिटिकल अलर्ट जैसे कामों को करेगा। इस काम के लिए आईआईटी कानपुर ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स (बीसाज-एन) नई दिल्ली के साथ एक एमओयू साइन किया है। इस पार्टनरशिप का उद्देश्य डायरेक्ट-टू-मोबाइल टेक्नोलॉजी के यूज को बढ़ावा देना है। डी२एम प्रोजेक्ट में अग्रणी नॉलेज पार्टनर, आईआईटी कानपुर इस क्षेत्र में टेक्निकल इनोवेशन का नेतृत्व करेगा।

इन्होंने किया साइन
एमओयू पर आईआईटी डायरेक्टर प्रो। मनिंद्र अग्रवाल बीआईएसएजी-एन के डीजी टीपी सिंह ने सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों और इंडस्ट्री के लीडर्स की मौजूदगी में साइन किए। इस मौके पर तेजस नेटवर्क के कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री पराग नाइक, शैक्षिक मीडिया पर यूजीसी समिति के सदस्य प्रो। मोहम्मद कासिम और तेजस नेटवर्क के सहायक उपाध्यक्ष श्री प्रशांत मारू शामिल थे।

न्यू टेक्निकल इनोवेशन खोजना
दोनों संस्थानों के बीच हुए एमओयू का उद्देश्य न केवल एजुकेशन और पब्लिक सेफ्टी के क्षेत्र में व्यापक सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी, बल्कि बल्कि विभिन्न सार्वजनिक आवश्यकताओं के लिए डी२एम टेक्नोलॉजी का यूज बढ़ाने के लिए नई टेक्निकल इनोवेशन की खोज में भी हेल्प करेगी।

आसानी से मिलेगा क्वालिटी कंटेंट
आईआईटी डायरेक्टर प्रो। मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण और भौगोलिक रूप से विशाल देश में डी२एम टेक्नोलॉजी एजुकेशन तक समान पहुंच प्रदान करके डिजिटल विभाजन को पाट सकती है। इस इनोवेशन में देश के हर कोने तक पहुंचने की क्षमता है, जिससे क्वालिटी एजुकेशनल कंटेंट सीधे मोबाइल तक पहुंच सकेगा। इतना ही नहीं इसकी पहुंच आम आदमी तक होगी।

इमरजिंग टेक्नोलॉजी में सबसे आगे
बीआईएसएजी-एन के डीजी टीपी ने कहा कि हमारा संस्थान हमेशा एजुकेशन और पब्लिक वेलफेयर के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए इमरजिंग टेक्नोलॉजी को अपनाने में सबसे आगे रहा है। डी२एम के जरिए एजुकेशनल कंटेंट के प्रसार के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने और आपात स्थितियों के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी के तेजी से वितरण को सुनिश्चित करने में बहुत आशाजनक है। हम आश्वासन देते हैं कि बीआईएसएजी जल्द से जल्द इसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पूरा समर्थन देगा।

डिजिटल एजुकेशन का सिनेरियो होगा चेंज
तेजस नेटवर्क के पराग नाइक ने सांख्य लैब्स (जो अब तेजस नेटवक्र्स के साथ विलय हो चुकी है) और आईआईटी कानपुर के बीच डी२एम के डेवलपमेंट के लिए इसके शुरुआती दिनों से ही तालमेल का वर्णन किया। उन्होंने दिल्ली में डी२एम के परीक्षणों की वर्तमान स्थिति और इसके डिवाइस इको सिस्टम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डी२एम तैनाती से स्टूडेंट, फैकल्टी और पब्लिक को हाई क्वालिटी वाला एजुकेशनल कंटेंट प्रदान करने में यूजीसी के प्रयासों को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा यह टेक्निक भारत में डिजिटल शिक्षा के परिदृश्य को बदल सकती है।

यूपीआई की तर्ज पर इनोवेशन
यह एमओयू नेक्स्ट जेनरेशन की कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजिज के अनुप्रयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यूपीआई की तर्ज पर इनोवेशन के माध्यम से पब्लिक सर्विसेज को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। स्पेशलिस्ट मानते हैैं कि आईआईटी कानपुर और बीआईएसएजी-एन की पार्टनरशिप डी२एम टेक्नोलॉजी के माध्यम से एजुकेशन और पब्लिक सेफ्टी साल्यूशन प्रदान करने में एक नया मानदंड स्थापित होने की उम्मीद है।

Posted By: Inextlive