अगर आप सेंट्ल स्टेशन पर ट्रेन पकडऩे या फिर किसी को ट्रेन में बैठाने जा रहे हैं तो भूलकर भी सिटी साइड न जाएं. क्योंकि अगर आप ये से आए स्टेशन गए तो हो सकता है आप फिसलकर गिर जाएं. जिससे चोट लग सकती है. वहीं कपड़े खराब होना तो तय है. दरसअल सिटी साइड मेट्रो के अंडर ग्राउंड स्टेशन और सेंट्रल स्टेशन का रीडेवलपमेंट वर्क हो रहा है. जिसकी वजह से अव्यवस्थाएं तो काफी समय से हैं लेकिन फ्राइडे को हुई बारिश ने इन अव्यवस्थाओं को कई गुना बढ़ा दिया है. खोदाई की मिट्टी कीचड़ हो गया है. जिससे फिसलन बनी हुई है. पूरे रास्ते की हालत गांव की सडक़ से भी ज्यादा बदतर है.

कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप सेंट्ल स्टेशन पर ट्रेन पकडऩे या फिर किसी को ट्रेन में बैठाने जा रहे हैं तो भूलकर भी सिटी साइड न जाएं। क्योंकि अगर आप ये से आए स्टेशन गए तो हो सकता है, आप फिसलकर गिर जाएं। जिससे चोट लग सकती है। वहीं, कपड़े खराब होना तो तय है। दरसअल, सिटी साइड मेट्रो के अंडर ग्राउंड स्टेशन और सेंट्रल स्टेशन का रीडेवलपमेंट वर्क हो रहा है। जिसकी वजह से अव्यवस्थाएं तो काफी समय से हैं, लेकिन फ्राइडे को हुई बारिश ने इन अव्यवस्थाओं को कई गुना बढ़ा दिया है। खोदाई की मिट्टी कीचड़ हो गया है। जिससे फिसलन बनी हुई है। पूरे रास्ते की हालत गांव की सडक़ से भी ज्यादा बदतर है।

चोट खा रहे पैसेंजर

सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड मेट्रो व स्टेशन के रिडेवलपमेंट का काम चल रहा है। जिसकी वजह से जमीन की खुदाई का काम भी चल रहा है। अभी तक गर्मी में स्टेशन आने वाले पैसेंजर्स को मिट्टी की वजह से धूल फांकनी पड़ रही थी। वहीं मानसून रेनफॉल शुरू होते ही अब उन्हें फिसलन युक्त कीचड़ का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि डेली दर्जनों पैसेंजर्स कीचड़ में फिसल कर गिर कर चोट खा रहे है। बड़ी बात यह है कि समस्या की जानकारी मेट्रो व रेलवे के आफिसर्स को भी है। इसके बावजूद समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।


अभी न चेते तो बरसात में बन जाएगा तालाब

सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड निर्माण कार्य चलने की वजह से बैरीकेडिंग लाकर एक पतली की गली पैसेंजर्स के प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए बना दी गई है। एंट्री प्वाइंट के पास ही मिट्टी के ट्रकों का आवागमन होता है। जिसकी वजह से मिट्टी गली तक आ जाती है। बरसात में वह मिट्टी कीचड़ में बदल गई है। इसके अलावा रास्ता उबड़-खाबड़ होने की वजह से जलभराव की समस्या हो जाती है। फ्राइडे को एक घंटे की बरसात में जलभराव की समस्या हो गई तो अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ घंटों की बरसात में पुराने रिजर्वेशन आफिस के सामने तलाब जैसी स्थिति हो जाएगी।

एंट्री गेट में ई-रिक्शा व ऑटो स्टैंड

स्टेशन के सिटी साइड रिजर्वेशन हॉल के पास एक सकरा रास्ता पैसेंजर्स के मेन रोड से प्लेटफार्म तक बनाया गया है। इसमें भी एंट्री गेट के पास ही रेलवे परिसर में ई-रिक्शा व ऑटो चालकों ने अराजकता फैला रखी है। जिसकी वजह से पैसेंजर्स को काफी समस्या होती है। रेलवे व आरपीएफ आफिसर्स की अनदेखी का खामियाजा डेली हजारों पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है।

200 मीटर तक लगेज लाद कर ले जाना पड़ता

स्टेशन के सिटी साइड एंट्री गेट के पास जलभराव व कीचड़ की वजह से वर्तमान में पैसेंजर्स को ट्राली बैग भी अपने हाथों व सिर पर लाद कर मेन रोड से प्लेटफार्म के पहले तक यानी लगभग 200 मीटर तक ले जाना पड़ता है। यह समस्या इस लिए बड़ी है क्योंकि पैसेंजर्स चाह तक भी लगेज उठाने के लिए यहां से कुली नहीं कर सकते है। सिटी साइड रिडेवलपमेंट का कार्य होने की वजह से सभी कुली कैंट साइड सिफ्ट हो गए हैं। लिहाजा आपको मजबूरन अपना लगेज लाद कर प्लेटफार्म तक ले जाना पड़ेगा।

Posted By: Inextlive