Kanpur News: केस्को के अजब गजब कारनामे आए दिन सामने आते रहते हैं. इस बार तो केस्को ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऐतिहासिक काम किया है. सर्वोदय नगर डिवीजन स्थित एक स्कूल का एक महीने का बिल 1.41 करोड़ रुपए आया है. कुछ लाख की बजाए एक करोड़ से अधिक का बिल देखकर स्कूल ओनर के पैरों तले जमीन खिसक गई. वह बिल सुधरवाने के लिए केस्को अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। केस्को के अजब गजब कारनामे आए दिन सामने आते रहते हैं। इस बार तो केस्को ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए ऐतिहासिक काम किया है। सर्वोदय नगर डिवीजन स्थित एक स्कूल का एक महीने का बिल 1.41 करोड़ रुपए आया है। कुछ लाख की बजाए एक करोड़ से अधिक का बिल देखकर स्कूल ओनर के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह बिल सुधरवाने के लिए केस्को अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। पर बिल अब तक सही नहीं हो सका है। इसकी वजह ये है कि केस्को की कमेटी के हाई वैल्यू बिल रिवीजन करने के बावजूद भी फाइनल मुहर लखनऊ स्थित यूपीपीसीएल के ऑफिसर लगाएंगे। क्योंकि उनमें टीसीएस लगा हुआ है।

शिकायतों का लगा अंबार
हाईवैल्यू के अलावा गलत बिलों की संख्या अब भी हजारों में हैं। पिछले तीन महीने में लगाए गए कैम्पों में ही 9 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी है। बावजूद इसके केस्को एकबार फिर बिलिंग कैम्प लगाने जा रहा है। दरअसल पहले केस्को का अपना बिलिंग सिस्टम था, लेकिन मार्च-अप्रैल में यूपीपीसीएल के जरिए प्रदेश के अन्य डिस्कॉम की तरह केस्को एरिया में भी बिलिंग होने लगी। इसके बाद ही गलत बिलिंग की समस्या की बाढ़ आ गई। लोग बिल सही कराने के लिए परेशान है।

टीसीएस लगा होने के कारण

केस्को इम्प्लाइज की मानें तो जिन कन्ज्यूमर्स का मंथली इलेक्ट्रिसिटी बिल 4-5 हजार रुपए मंथली आता था, उनका बिल लाखों रुपए में आ गया है। 50 लाख से अधिक इलेक्ट्रिसिटी बिल वाले कन्ज्यूमर्स की संख्या एक-दो नहीं बल्कि 40-50 के करीब है। केस्को के डायरेक्टर राकेश वाष्र्णेय के मुताबिक 50 लाख रुपए से कम के हाई वैल्यू बिलों का तीन सदस्यीय कमेटी ने रिवीजन कर दिया है। लेकिन 50 लाख रुपए से अधिक के बिलों में टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) लगा होने का यूपीपीसीएल भेजा जा चुका है। ये बिल भी कमेटी रिवीजन कर चुकी हैं, लेकिन अब तक यूपीपीसीएल से मंजूरी नहीं हुई है।

हजारों की संख्या में गलत बिल
केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक हाई वैल्यू बिलों के टोटल केस 100 के करीब है, लेकिन आईडीएफ(आईडेंटीफाई डिफेक्टिव) और आरडीएफ(रीडिंग डिफेक्टिव )केसेज की संख्या हजारों में हैं। पिछले तीन महीने 9 हजार से अधिक कन्ज्यूमर बिलिंग कैम्प में पहुंचे। इनमें से ज्यादातर की शिकायत गलत बिलिंग ही है। ये बिल सही किए जाने के बावजूद भी अब भी आईडीएफ व आरडीएफ बिलों की संख्या 6 हजार के लगभग है। ये लोग बिल सही कराने के लिए केस्को की दौड़ लगा रहे हैं।

Posted By: Inextlive