पुरी तर्ज पर मंडे को सिटी में जगन्नाथ रथयात्रा को निकाला गया. जनरलगंज की गलियों से 214 साल पुरानी रथयात्रा निकली तो हर ओर से फूलों की बारिश और जय जगन्नाथ के जयकारे लगने लगे. जनरलगंज स्थिति श्री जगन्नाथ जी महाराज मंदिर बिरजी भगत मे भगवान श्री जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र का श्रंगार करके फूल से सजे चांदी के सिहासन पर विराजमान किया गया.

कानपुर (ब्यूरो)। पुरी तर्ज पर मंडे को सिटी में जगन्नाथ रथयात्रा को निकाला गया। जनरलगंज की गलियों से 214 साल पुरानी रथयात्रा निकली तो हर ओर से फूलों की बारिश और जय जगन्नाथ के जयकारे लगने लगे। जनरलगंज स्थिति श्री जगन्नाथ जी महाराज मंदिर (बिरजी भगत) मे भगवान श्री जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र का श्रंगार करके फूल से सजे चांदी के सिहासन पर विराजमान किया गया। रथयात्रा की प्रथम आरती नरेन्द्र शर्मा (तिरंगा अगरबत्ती समूह) ने की। उड़ीसा जगन्नाथ पुरी से आए ठाकुर भले विराजो ने जगन्नाथ जी का रथ खींच यात्रा का शुभारंभ किया।

साथ में 10 सजीव झांकियां

रथयात्रा मे 10 सजीव झाकियां थी, जिजमे राधा कृष्ण, राम जी, खाटू श्याम बाबा, मां दुर्गा, बिहारी जी और भोले शंकर के भेष में छोटे-छोटे बच्चे लकड़ी के बने घोड़े हाथी में सज कर निकले। यात्रा मार्ग में हर किसी ने झांकियों और जगन्नाथ जी के रथ की आरती और फूलों की बारिश करके वेलकम किया। यहां मन्दिर प्रबन्धक ज्ञानेंद्र गुप्ता, गोपाल जी गुप्त,अभिषेक गुप्त, अम्बरीष गुप्त और ज्ञानेन्द्र विश्नोई आदि रहे।

यह रहा यात्रा मार्ग

मन्दिर श्री बिरजी भगत की रथयात्रा जनरलगंज से शुरु होकर काहूकोठी, नील वाली गली, मारवाड़ी पुस्तकालय से नयागंज चौराहा होते हुए बान बाजार, जनरलगंज, बजाजा, मनीराम बगिया, चौक सर्राफा, कोतवाली चौराहा होते हुए प्रयाग नारायण शिवाला से कमला टॉवर, लाठी मोहाल होते हुए मन्दिर वापस पहुंची। यात्रा मार्ग में कलाकारों ने अपनी अपनी कला का प्रदर्शन कर ध्यान खींचा। मार्ग में जगह जगह पर पानी, शरबत, पकौड़ी, नमकीन आदि की स्थानीय लोगों की ओर से की गई।

राम बारात और श्याम बाबा के दर्शन

श्री उमा जगदीश मंदिर, जनरलगंज की रथ यात्रा में सर्वप्रथम श्री गणेश जी का रथ उसके बाद स्वरूप बने बच्चों की मनोहारी झांकियां थीं। रिशाला में घोड़ों पर सुंदर स्वरूपों के साथ राम बारात और श्याम बाबा के अलौकिक दर्शन हो रहे थे। श्री गोपाल जी मंडल के सदस्य वाद्य वादन सुंदर भजन के साथ भगवान जगन्नाथ जी स्वामी के रथ के आगे चल रहे थे। रत्न जडि़़त चांदी के सिंहासन में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और अग्रज बलदाऊ जी महाराज विराजमान थे। यात्रा धन कुट्टी से प्रारंभ होकर कलक्टरगंज, शक्कर पट्टी, नयागंज, किराना बाजार, सर्राफा बाजार, जनरल गंज, मनीराम बगिया, चौक होते हुए कोतवाली चौराहा में अल्प विश्राम करके वापसी चौक मनीराम बगिया होकर जनरल गंज स्थित मंदिर में समाप्त हो गई। यहां मेयर प्रमिला पांडेय, सांसद रमेश अवस्थी, सलिल विश्नोई, अभिताभ बाजपेयी और सुरेश चंद्र गुप्ता आदि रहे।

कंधे पर निकलता था भगवान का सिंहासन

रथयात्रा कमेटी से जुड़े ज्ञानेंद्र विश्नोई ने बताया कि 213 वर्ष से रथयात्रा निकाली जा रही है। उस समय भगवान के सिंहासन को भक्तगण कन्धे पर रखकर शंख, घंटा, घडिय़ाल, झांझ मांजिरा बजाते हुये नाम संकीर्तन के साथ पेठे वाली गली, चौक नारियल बाजार से सरसैयाघाट गंगा के तट तक जाते थे.साल 1951 में श्री प्रेम मण्डल का प्रवेश हुआ, जिसमें वायलन के साथ ढोल-ताशा, डुग्गी का प्रयोग किया गया जो आज आधुनिक वाद्य यन्त्रों से सुसच्जित हो चुके हैं। 1954 में धार्मिक सचल झांकियों की शुरुआत की गई.1966 से तीन रथयात्राएं निकलने लगी।

Posted By: Inextlive