डिफेंस कॉरिडोर की ओर बढ़ा एक 'कदम'
- शासन ने जारी किया जमीन खरीदने का शेड्यूल, 25 अक्टूबर तक पूरा किया जाना है काम
- नर्वल तहसील के साढ़ में 216.30 हेक्टेअर जमीन का खरीद होनी है, डीएम ने दिए आदेश kanpur@inext.co.in KANPUR : 2017 में स्टेट गवर्नमेंट ने डिफेंस कॉरिडोर के एलान के बाद अब इसे पूरा करने की कवायद तेज हो गई है। सीएम योगी की सख्ती के बाद लैंड खरीदने के लिए शेड्यूल भी जारी कर दिया गया है। तय शेड्यूल के मुताबिक 216.30 हेक्टेअर जमीन खरीद का काम ट्यूजडे से शुरू हो गया। इसे 25 अक्टूबर तक कंप्लीट किया जाना है। नर्वल तहसील में साढ़ गांव में जमीन खरीदी जानी है। जिक्र जरूरी है कि डिफेंस कॉरिडोर को लेकर अप्रैल में जमीन खरीदने का काम पूरा किया जाना था, लेकिन सर्वे ही जुलाई में पूरा हो सका। इसके लिए 150 करोड़ रुपए का बजट रख्ा गया है।जमीनों पर कोई कब्जा नहीं
डीएम विजय विश्वास पंत के मुताबिक 3 अगस्त को चिन्हित 200 एकड़ जमीन को लेकर डिटेल मांगी गई थी। रिपोर्ट में लैंड पर कब्जे को लेकर जानकारी मांगी गई थी। जमीन खाली पड़ी है, कभी भी डिफेंस पार्क का काम शुरू किया जा सकता है। साथ ही इसके एक्सपेंशन को लेकर भी तैयारी शुरू की दी गई है। एक्स्ट्रा जमीन चिन्हित की जा रही है। शासन ने नर्वल तहसील के अलावा और कहीं जमीन का बड़ा हिस्सा है कि नहीं इसकी भी अलग रिपोर्ट मांगी थी। 3 अगस्त को पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी।
संडे को भी खुलेगा कोषागार डीएम विजय विश्वास पंत ने जमीन खरीद में यूज होने वाले स्टैंप को लेकर खास आदेश जारी किए हैं। जमीन के बैनामे के दौरान अगर हॉलीडे होता है तो भी स्टैंप ऑफिस खोला जाएगा। कोषागार खोलने को लेकर सीटीओ की जिम्मेदारी तय की गई है। ------------ यह है शेड्यूल -1 अक्टूबर को जमीन को लेकर प्रस्ताव बनाया जाना। -6 से 16 तक जमीनों को लेकर ऑब्जेक्शन प्राप्त करना। -17 से 18 तक ऑब्जेक्शन का डिस्पोजल करना। -19 से जमीन की खरीद का काम शुरू किया जाना है। -23 तक जमीन खरीद की सहमति प्राप्त करना। -25 अक्टूबर तक फॉर्मर्स से जमीन का बैनामा करना। --------------- इन डिस्ट्रिक्ट में जमीन की जरूरत सिटी जमीन की जरूरत (हेक्टेअर में) लैंड कॉस्टकानपुर 2450 150 करोड़ रुपए
झांसी 3025 940 करोड़ आगरा 300 175 करोड़ अलीगढ़ 45.84 241 करोड़ चित्रकूट 500 450 करोड़ लखनऊ 200 250 करोड़------------
-डिफेंस में शोध के लिए अहम डीएमएसआईडीई यहीं है। यहां नॉन कोर आइटम (सेना की वर्दी, बूट, कैंप, रस्सी, चटाई आदि) के लिए शोध होता है। सीओडी भी यहीं है। --- '' डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदने को लेकर तय शेड्यूल में ही पूरा काम किया जाएगा। इसमें सभी अफसरों की जिम्मेदारी तय की गई है। यूपीईडा को डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण करना है। -विजय विश्वास पंत, डीएम।डिफेंस कॉरीडोर में ये बनेगा
ड्रोन, लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, असेंबलिंग सेंटर, डिफेंस पार्क, बुलेट प्रूफ जैकेट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम, कोस्टल सर्विलांस सिस्टम, रडार, नाइट विजन डिवाइस आदि। ------------- कानपुर को मिलेगा फायदा -10,000 करोड़ रुपए का कम से कम इन्वेस्टमेंट। -50,000 लोगों को जॉब्स मिल सकेगी कंपनीज के आने से। -3 परसेंट की ग्रोथ होगी जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट)। ----------- एक नजर में कानपुर डिफेंस इंडस्ट्री -35 नॉन कोर प्रोडक्ट बनाने वाली बड़ी फैक्ट्री। -150 नॉन कोर प्रोडक्ट बनाने वाली छोटी फैक्ट्री। -500 हथियारों के पुर्जे बनाने वाली छोटी इकाईयां। -150 एचएएल के माल वाहक और डॉर्नियर से जुड़ी छोटी इकाई। -30,000 लोग इस इंडस्ट्री से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े। -5,000 करोड़ रुपए का बिजनेस कानपुर की डिफेंस इंडस्ट्री से। ------------ डिफेंस कॉरिडोर में कानपुर अहम -देश की 5 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ऑर्डिनेंस इक्यूपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ), स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री (एसएएफ), पैराशूट फैक्ट्री (ओपीएफ), फील्ड गन फैक्ट्री और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री यहीं हैं। -एचएएल में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, मालवाहक डोर्नियर विमान के अलावा यात्री डोर्नियर भी बनते हैं।