Kanpur News: पेड़ों की वजह से होने वाली पावर ट्रिपिंग रोकने को लगेंगे कवर्ड केबल कंडक्टर
कानपुर (ब्यूरो)। पेड़ों की वजह से होने वाली पॉवर ट्रिपिंग रोकने के लिए सिटी में पहली बार कवर्ड केबल कंडक्टर लगाया जाएगा। सिटी की ऐसी जगहों से निकली 33 व 11 केवी की ओपन कंडक्टर (लाइनों ) को बदलने को करीब 35 करोड़ से कवर्ड केबल लगाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट में सिटी के मोस्ट डेंस पॉपुलेटेड एरियाज को भी शामिल किया गया है। जिससे हादसों की आशंका न रहे। मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट में शामिल कवर्ड केबल कंडक्टर के लिए भी केस्को टेंडर कॉल कर चुका है।
सबस्टेशन हो जाते हैं ठपसिटी में पनकी, बिठूर, कानपुर साउथ रूमा, नौबस्ता, मेहरबान सिंह का पुरवा, आरपीएच सहित करीब एक दर्जन 220 व 132 केवी ट्रांसमिशन स्टेशन हैं। जिनसे निकली 33 केवी लाइनों के जरिए केस्को के 94 सबस्टेशन जुड़े हुए हैं। इनमें से कई सबस्टेशन की 33 केवी लाइनें कैंट, नवाबगंज, पनकी, जाजमऊ साइड स्थित एरिया में पेड़ों के बीच से होकर गुजरी है। केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक आंधी और खासतौर पर बारिश के दौरान ये पेड़ सबस्टेशन ठप होने की वजह साबित होते हैं। एक साथ हजारों लोगों को पॉवर क्राइसिस से जूझना पड़ता है।
पेट्रोलिंग में मिलतीं पेड़ों की डालफॉल्ट तलाशने के लिए जब मेंटिनेंस टीम पेट्रोलिंग करती हैं तो ज्यादातर पेड़ की डाल पड़ी मिलती है। पेड़ों आदि वजहों से अंडरग्र्राउंड केबल भी बिछ नहीं पा रही थी। इस समस्या के हल के लिए केस्को ने 76.3 किमी। लंबाई में 33 केवी। बेयर कंडक्टर बदलने की तैयारी की है। इसकी वजह कवर्ड डॉग कंडक्टर केबल लगाई जाएगी। इस पर तकरीबन 19.34 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान हैं।
पॉपुलेटेड डेंस एरिया में भी इसी तरह सबस्टेशंस से 11 केवी लाइनें डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर्स तक गईं। इससे से लगभग 55.7 किलोमीटर बेयर कंडक्टर मोस्ट डेंस पापुलेटेड एरिया व पेड़ों के बीच गुजरने से परेशानी का सबब बना हुआ है। 14.56 करोड़ रुपए से ऐसी खुली हाईटेंशन लाइनों को भी कवर्ड केबल कंडक्टर में बदलने के लिए मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था। केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक इससे ट्रिपिंग की समस्या के अलावा लाइन टूटकर जान-माल के नुकसान की भी आशंका नहीं रहेगी। पतंगबाजी नहीं बनेगी मुसीबतकवर्ड केबल हो जाने से पतंगबाजी के कारण होने वाली ट्रिपिंग की समस्या नहीं रहेगी। क्योंकि पतंगबाजी में पतला तार व मेटल युक्त चाइनीज मांझा के इस्तेमाल से फाल्ट हो जाते हैं। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी है। जिसके बाद केस्को ने प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए टेंडर प्रॉसेज भी शुरू कर दिया है। केस्को के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर रवि चन्द्र श्रीवास्तव की ओर से मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट को लेकर टेंडर भी कॉल किए गए हैं। दस दिसंबर को टेंडर ओपन किए जाएंगे।