स्नेक बाइट से मौत के मामलों में अब फैमिली मेंबर्स को मुआवजे के लिए सालों बाद आने वाली विसरा रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. एटॉप्सी रिपोर्ट के आधार पर ही चार लाख रुपये का मुआवजा मिल सकेगा. शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. जिसकी कॉपी यूपी के सभी एटॉप्सी सेंटर को भेजी जा चुकी है. अभी तक एटॉप्सी सेंटर की रिपोर्ट मिलने के बाद भी मुआवजे के लिए विसरा रिपोर्ट का होना जरूरी था. प्रदेश सरकार से जारी आदेश में साफ लिखा है कि विसरा रिपोर्ट के इंतजार में स्नेक बाइट पर अनुदान के काफी केस पेंडिंग पड़े हैं. ऐसे में यह शर्त जरूरी नहीं है.

कानपुर (ब्यूरो)। स्नेक बाइट से मौत के मामलों में अब फैमिली मेंबर्स को मुआवजे के लिए सालों बाद आने वाली विसरा रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एटॉप्सी रिपोर्ट के आधार पर ही चार लाख रुपये का मुआवजा मिल सकेगा। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। जिसकी कॉपी यूपी के सभी एटॉप्सी सेंटर को भेजी जा चुकी है। अभी तक एटॉप्सी सेंटर की रिपोर्ट मिलने के बाद भी मुआवजे के लिए विसरा रिपोर्ट का होना जरूरी था। प्रदेश सरकार से जारी आदेश में साफ लिखा है कि विसरा रिपोर्ट के इंतजार में स्नेक बाइट पर अनुदान के काफी केस पेंडिंग पड़े हैं। ऐसे में यह शर्त जरूरी नहीं है।

सालों नहीं आती विसरा रिपोर्ट

दरअसल एटॉप्सी सेंटर से विसरा का सैैंपल भेजा तो सील बंद पैकेट में पूरे अहतियात और सुरक्षा के साथ जाता है। लेकिन लैब तक पहुंचते पहुंचते या तो सैैंपल नष्ट हो जाता है या महीनों ये सैैंपल अपनी बारी आने के इंतजार में रखे रहते हैैं। किसी परिवार वाले की पैरवी करने पर या सिफारिश लगाने पर इसकी जांच की जाती है।

एटॉप्सी कराना होगा जरूरी

यदि सांप के काटने से किसी की मौत होती है तो मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपये की सहायता राशि शासन की ओर से दी जाती है। वहीं एक लाख रुपये किसान बीमा योजना से दिया जाता है लेकिन सहायता राशि पाने के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से स्नेकबाइट से जान गंवाने वाले का पंचनामा और एटॉप्सी कराना जरूरी होगा। यूपी सरकार ने ग्रामीण इलाकों मेें प्रधान और शहरी इलाकों में नगर निगम को अवेयर करने की जिम्मेदारी सौंपी है। सरकार ने जागरूकता अभियान भी चलाने को कहा है।
इन मामलों में मिलता मुआवजा

यूपी में नाले, तालाब, नदी या गड्डे में डूबने, बिजली गिरने, भूकंप या भूस्खलन, मिट्टी धंसने की घटना को राज्य आपदा घोषित किया गया है। लेकिन अब सांड़ के हमले में मौत होने और स्नेकबाइट से मौत होने को भी आपदा घोषित कर दिया गया है। आपदा में मौत होने के सात दिन में आर्थिक मदद का भुगतान किया जाएगा। भुगतान से पहले प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

ये है मुआवजे की प्रक्रिया

अगर कोई व्यक्ति स्नेक बाइट का शिकार होता है तो मुआवजा पाने के लिए पीडि़त परिवार के पास एटॉप्सी रिपोर्ट होनी जरूरी है। इसी के आधार पर परिवार को आर्थिक मदद मिल सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि घटना के बाद परिजन शव का तत्काल पोस्टमार्टम कराएं। इसके बाद संबंधित अधिकारियों के माध्यम से कागजी प्रक्रिया पूरी की जाती है। क्योंकि ये आपदा से हुई मौत है तो ऐसे में राज्य सरकार नियमानुसार 48 घंटे के भीतर सभी आवश्यक कार्रवाई कर पीडि़त के सबसे निकट संबंधी के बैंक खाते में मुआवजा राशि भेज देती है।

Posted By: Inextlive