Kanpur News:टेम्पेरचर गिरने से स्मॉग की चादर में लिपटा शहर
कानपुर (ब्यूरो)। सर्दी की दस्तक और टेम्परेचर कम होते ही शहर की आबोहवा बिगडऩे लगी है। जिससे दमा और सांस के मरीजों की दिक्कत बढऩे के साथ आम कानपुराइट्स का सांस लेना मुश्किल हो गया है। थर्सडे को शहर का एवरेज एक्यूआई(एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) ३०९ रिकॉर्ड किया गया। पश्चिमी विक्षोभ के साथ गिलगित क्षेत्र में हुई बर्फबारी ने दो दिन में शहर का न्यूनतम तापमान ४.२ डिग्री नीचे गिरा दिया है। जिससे वातावरण में मौजूद धूल और धुएं के कण ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। थर्सडे सुबह से ही शहर स्माग यानी धुंध की चादर में लिपटा रहा। ज्यादातर लोगों ने इसे कोहरा समझ लिया।
टेंप्रेचर नीचे जाने का हुआ असर
वेदर एक्सपर्ट के अनुसार, अगले दो दिन में उत्तराखंड और हिमाचल में बर्फ गिरने के संभावना है। इसके बाद वातावरण में नमी बढ़ेगी। तब कोहरा भी अपना असर दिखाएगा। ला-नीना की स्थितियों के बनने में हुई देरी से इस बार मौसम में सर्दी का असर दीपावली के बाद भी नहीं दिखाई दिया। दिन और रात का तापमान भी सामान्य से अधिक बना रहा लेकिन बीते दो दिन में ही रात का न्यूनतम तापमान ४.२ डिग्री का गोता लगा चुका है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान गलवार को न्यूनतम तापमान १७.४ रहा और गुरुवार को यह १३.२ डिग्री पहुंच गया। तापमान नीचे जाने का असर सुबह वातावरण में धुंध के तौर पर दिखाई दिया।
आज भी छाई रह सकती है धुंध मौसम विशेषज्ञ डा। एसएन सुनील पांडेय के अनुसार धुंध की स्थिति दिन में भी रही है और शुक्रवार को भी धुंध छाई रह सकती है। इसकी वजह वातावरण में धूल और धुंआ की मौजूदगी है। तापमान नीचे गिरने से प्रदूषणकारी तत्वों को वायु मंडल में फैलने का अवसर कम मिल रहा है। आद्र्रता की कमी है इसलिए कोहरा भी नहीं बन रहा है जिसमें ओस बनकर वातावरण की नमी जमीन पर आ जाती है। कब शुरू होगा कोहरा? उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की स्थितियां अभी बनी हुई हैं। इससे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों पर बर्फ गिरने की संभावना है। शुक्रवार और शनिवार को अगर बर्फ गिरती है तो इसका असर दिन के तापमान पर भी पड़ेगा। तब कोहरा भी बनना शुरू हो जाएगा। अभी रात का तापमान कम हो रहा है लेकिन इसका असर दिन की गर्मी पर नहीं होगा। गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान ३२.५ डिग्री रहा है जो सामान्य से ४.५ डिग्री अधिक है। बुधवार को भी दिन का तापमान ३२.५ और न्यूनतम तापमान १४.८ डिग्री रहा है।समझिए फॉग और स्मॉग में फर्क
जब आद्र्र हवा ऊपर उठकर ठंडी होती है तब जलवाष्प संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदें बनाती है। कभी-कभी अनुकूल परिस्थितियों में हवा के बिना ऊपर उठे ही जलवाष्प जल की नन्हीं बूंदों में बदल जाती है तब हम इसे कोहरा कहते हैं। घने कोहरे में ²श्यता एक किमी से भी कम हो जाती है। इसके विपरीत धूल और धुंआ की परत छाने के साथ धुंध का निर्माण होता है। धुंध में ²श्यता एक किलोमीटर से ज्यादा लेकिन दो किलोमीटर से कम होती है।