दीपावली में शहर के साथ करीब 16 सिटी से हैलट में बर्न के मामले आते हैं. जिन्हें इमरजेंसी के सामने बन रही बर्न यूनिट का कार्य पूरा नहीं होने के चलते उर्सला हॉस्पिटल रेफर करना पड़ता था. अब पटाखों से जले वाले घायलों का पूरा ट्रीटमेंट वैकल्पिक व्यवस्था से किया जाएगा. हॉस्पिटल के सर्जरी डिपार्टमेंट में 20 बेड की वैकल्पिक बर्न यूनिट बनाई गई है.

कानपुर (ब्यूरो)। दीपावली में शहर के साथ करीब 16 सिटी से हैलट में बर्न के मामले आते हैं। जिन्हें इमरजेंसी के सामने बन रही बर्न यूनिट का कार्य पूरा नहीं होने के चलते उर्सला हॉस्पिटल रेफर करना पड़ता था। अब पटाखों से जले वाले घायलों का पूरा ट्रीटमेंट वैकल्पिक व्यवस्था से किया जाएगा। हॉस्पिटल के सर्जरी डिपार्टमेंट में 20 बेड की वैकल्पिक बर्न यूनिट बनाई गई है।

जहां पर वेंटिलेटर के साथ मिनी आइसीयू होगा। इसके साथ ही प्लास्टिक सर्जन, नर्सिंग टीम 24 घंटे तैनात रहेगी। हैलट हॉस्पिअल के एसआईसी प्रो। आरके ङ्क्षसह ने बताया कि प्रिंसिपल प्रो। संजय काला के निर्देश पर सर्जरी डिपार्टमेंट के पीओपी वार्ड में 20 बेड को बर्न यूनिट की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। जहां पर एक्सपर्ट की देखरेख में पटाखों से जले घायलों का इलाज किया जाएगा।

हैलट में बर्न यूनिट होने से उर्सला हॉस्पिटल की आठ बेड की यूनिट पर भी लोड नहीं आएगा और घायलों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने बताया कि फेस्टिवल के दिनों में इमरजेंसी में ट्रामा के साथ सभी एक्सपर्ट की टीम तैनात रहेगी। इसके साथ ही सर्जरी डिपार्टमेंट में 20 बेड पर बर्न के घायलों का इलाज किया जाएगा। किसी भी घायल को हॉस्पिटल से रेफर नहीं किया जाएगा।

Posted By: Inextlive