मेट्रो कास्टिंग यार्ड की राह का 'कांटा' निकला
-- एलएमआरसी ने मांगी थी एचबीटीयू कैंपस में 50 हजार स्क्वॉयर मीटर जमीन
-- कास्टिंग यार्ड की जमीन न मिलने से प्रभावित हो रहा था मेट्रो वर्क -- जमीन मिलते ही एलएमआरसी ने जेसीबी लगाकर शुरू कराई सफाई KANPUR: कानपुर मेट्रो के रास्ते में आ रहा एक बड़ा 'कांटा' आज निकल गया। कानपुर मेट्रो के कास्टिंग यार्ड के लिए एचबीटीयू वेस्ट कैंपस में एलएमआरसी को जमीन मिल गई है। एलएमआरसी ने कैंपस में लगी झाडि़यों आदि की सफाई भी शुरू कर दी है। जिससे कि कास्टिंग यार्ड में बिल्डिंग मैटेरियल, मशीनें आदि रखी जा सकें। 50 हजार स्क्वॉयर मीटर जमीनदरअसल कानपुर मेट्रो के कास्टिंग यार्ड के लगभग 50 हजार स्क्वॉयर मीटर जमीन की जरूरत है। इसके लिए कानपुर में मेट्रो दौड़ाने की जिम्मेदारी संभाले लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने एचबीटीयू वेस्ट कैंपस की जमीन चुनी थी है, पर जमीन का मामला लंबे समय से शासन में लटका हुआ था। इस बीच 734 करोड़ से आईआईटी से मोतीझील तक एलीवेटेड वायाडक्ट और 9 मेट्रो स्टेशन के लिए टेंडर फाइनल हो चुके हैं। टेंडर हासिल करने वाली कम्पनी एफकांस की टीम भी सिटी आ चुकी है। नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट जीटी रोड के सामने से काम शुरू करने की तैयारी भी हो चुकी है। लेकिन मुश्किल ये थी कि कास्टिंग यार्ड के लिए एलएमआरसी को जमीन नहीं मिली है। इसकी वजह से मेट्रो वर्क शुरू नहीं हो सका है। फिलहाल एफकांस की टीम पॉलीटेक्निक में डायवर्जन बोर्ड, स्टील आदि मैटेरियल व मशीनरी रखे हुए हैं। एलएमआरसी ऑफिसर्स के मुताबिक कास्टिंग यार्ड में दो रेडी टू मिक्स कंक्रीट प्लांट लगाए जाएंगे। जहां पर एलीवेटेड वायडक्ट के लिए यू और आई गिरडर के अलावा अन्य प्री कॉस्ट स्ट्रक्टरल सेगमेंट तैयार किए जाएंगे। इसके लिए पिलर (पाइलिंग) के लिए मैटेरियल भी तैयार किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर एनएसआई जीटी रोड के सामने डिवाइडर तोड़ने और बोर्ड लगाने का काम आज भी जारी रहा। इससे लोगों को ट्रैफिक प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा। एफकांस की टीम ट्रैफिक संभालने में भी जुटी रही है। वहीं मेट्रो स्टेशन की जमीनों का सर्वे और डिमार्केशन का काम भी जारी रहा।