Kanpur News: रोड पर चलना जरा बचके, यहां कदम कदम पर जानलेवा गड््ढे
कानपुर (ब्यूरो)। सत्य घटना पर आधारित मूवी &काम चालू है&य में राजपाल यादव की होनहार बेटी की मौत सडक़ में मौजूद गड्ढे की वजह से हो गई थी। फिल्म में दिखाया गया है कि राजपाल अपनी बेटी को स्कूटर में बैठा कर जा रहे हैं तभी सडक़ के बड़े से गड्ढे में स्कूटर का पहिया आया और बेकाबू हुई स्कूटर से बेटी नीचे गिर पड़ी। सिर पर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ये तो रही फिल्म की बात लेकिन शायद ऐसी ही किसी घटना के इंतजार में कानपुर नगर निगम के आफिसर्स भी बैठे हैं। वर्तमान में सिटी की लाइफ लाइन कही जाने वाली जीटी रोड सहित अधिकतर रोड््स का यही हाल है। बारिश ने सडक़ों को छलनी कर दिया है। जिससे रोड कम बची है और गड््ढ ज्यादा हैं।
पांच किमी में 12 बड़े गड्ढे
टाटमिल चौराहा से कोकाकोला चौराहे तक लगभग पांच किमी की दूरी में जीटी रोड पर 12 से अधिक बड़े गड््ढे हैं। जिनमें आपकी गाड़ी आधा पहिया तक समा जाता है। वहीं छोटे गड्ढों की बात करे तो इनकी कोई गिनती नहीं है। ये हालात सिर्फ जीटी रोड के ही नहीं बल्कि सिटी की हर दूसरी रोड के हैं। जहां बरसात में जलभराव होने की समस्या के कारण सडक़ों में बड़े-बड़े गड््ढे हो चुके हैं। पूरी रोड पर गिट्टियां बिखरी पड़ी हैं। आये दिन बाइक सवार इन गड्ढों की चपेट में आकर गिरकर घायल हो रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार डिपार्टमेंट के आफिसर्स आंखों में पट्टी बांध कर बैठे हैं।
जीटी रोड, कल्याणपुर-बिठूर रोड, बर्रा-कर्रही रोड, काकादेव थाने वाली रोड समेत सिटी में कई सडक़ों में बड़े-बड़े गड्ढे होने की वजह से यहां जाम की समस्या भी पैदा होने लगी है। ट्रैफिक धीमा होने के कारण कानपुराइट्स को जगह-जगह इस समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है। वहीं इन गड्ढों के चलते गाडिय़ों का मेंटिनेंस भी बढ़ गया है। खासतौर पर टू व्हीलर वालों का। ब्रेक शू और शॉकर काम नहीं कर रहे हैं। वहीं ये गड्ढे पीठ दर्द, कमर दर्द जैसी तकलीफ भी दे रहे हैं।
एक्सीडेंट में पूरे यूपी में नंबर वन
एनसीआरबी की 2022-23 की रिपोर्ट के आधार पर यूपी में एक्सीडेंट के मामले में कानपुर सिटी सबसे टॉप पर है। वहीं एक्सीडेंट में होने वाली मौतों के मामले में लखनऊ सिटी सबसे टॉप पर है। एक्सीडेंट पर अंकुश लगाने के लिए गवर्नमेंट हर साल अरबों रुपए खर्च कर रहा है। इसके बावजूद एक्सीडेंट के आंकड़ों में ज्यादा असर नहीं पड़ा है। जिसका कारण सिटी की खस्ताहाल सडक़े हैं।