Kanpur News: इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यूवल के नाम पर साइबर ठगी करने वाले बैंकर्स बंटी बबली अरेस्ट
कानपुर (ब्यूरो)। अगर आपकी कोई इंश्योरेंस पॉलिसी है, जो सालों से बंद पड़ी है और कोई कॉल कर कहे कि वह आपको सारा पैसा रिफंड करा सकता है तो अलर्ट रहें क्योंकि वो ठग हो सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सिटी में एक ऐसे ठगी के मास्टरमाइंड बंटी बबली यानि पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है, जो बंद पड़ी लैप्स हो चुकी पॉलिसी होल्डर को टारगेट कर उनसे ठगी करते थे। क्राइम ब्रांच ने दोनों को नोएडा से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी 10 रुपए में जस्ट डायल से नंबर लेते थे। इसके बाद लाखों की ठगी को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते थे।
ये हुई थी घटनालाल बंगला में टेनरी कारोबारी मोहम्मद इस्माइल रहते हैं। मो। इस्माइल ने बताया कि उनकी एक करोड़ 80 लाख की दस पॉलिसी थी। कोविड के दौरान वह पॉलिसी की ईएमआई नहीं भर पाए। ऐसे में उनकी पॉलिसी लैप्स हो गई। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर के आसपास उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया। उसने खुद का नाम पवन बताया। कहा कि कुछ फॉर्मेलिटी के बाद पॉलिसी की मैच्योरिटी की पूरी रकम दिला सकता है। भरोसे में लेने के लिए उसने लोकपाल परिषद के डॉक्यूमेंट भेजे। इसके बाद पवन ने कई बार में उनसे 41 लाख रुपये ले लिए। लेकिन रिफंड नहीं दिलाया। उन्होंने वकील को डॉक्यूमेंट्स दिखाए तो पता चला कि ये फेक है। इसके बाद उन्होंने 15 नवंबर को साइबर थाने में ठगी की एफआईआर दर्ज कराई।
ऐसे देते थे ठगी को अंजामडीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी पहले जस्ट डॉयल से लोगों को नंबर हासिल करता था। नंबर से आधार और आधार से ऐसे लोगों की जानकारी करता था जिसकी इंश्योरेंस की इंस्टालमेंट नहीं जमा हुई थी। कागजी भाषा में कहा जाए तो ये पॉलिसी लिंबो में चली जाती थी। लिंबो पॉलिसी को ंिनस्तारण करने के नाम पर ये पॉलिसी धारक से संपर्क करते थे। ये उन्हीं पॉलिसी धारकों से संपर्क करते थे, जिसकी मैच्योरिटी एक करोड़ रुपये से ज्यादा होती थी। जो पॉलिसी लिंबो में चली जाती हैैं, उनका निस्तारण लोकपाल करता है। ऐसे मामले में पवन और रेनू (बंटी बबली) फेक डॉक्यूमेंट्स और मोहर बनवा लेते थे। इसके बाद संपर्क करके सेटलमेंट करने के नाम पर कभी फाइल चार्ज को कभी रिश्वत के नाम पर रुपये फेक अकाउंट में रुपये मंगवा लेते थे। पीएनबी मेटलाइफ को करते थे टारगेट
डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कॉल डिटेल, बैंक अकाउंट ट्रांजेक्शन समेत अन्य इविडेंस के आधार पर अरोपी पवन और उसकी पत्नी रेनु को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी सिर्फ पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी के नाम पर ठगी करते थे। वो फेक आईडी पर खरीदे गए सिमकार्ड और फेक अकाउंट्स में ही रुपये मंगाता था। इस वजह से उसका एड्रेस नहीं मिल पा रहा था। लेकिन इस बार उसने पत्नी रेनू के खाते में रुपये मंगवा लिये। जिससे क्राइम ब्रांच उनके नोएडा स्थित घर पहुंची और दोनों को पकड़ लिया।
कॉल सेंटर से सीखा ठगी का तरीका डीसीपी के मुताबिक, 2007 में पवन और रेनू की शादी हुई थी। पवन इंडसइंड बैैंक में बिजनेस डेवलपमेंंट ऑफिसर हैैं और रेनू आरबीएल बैैंक में पब्लिक रिलेशन ऑफिसर है। पवन पहले रिलायंस इंश्योरेंस और उसके बाद कॉल सेंटर में काम कर चुका है। यहीं पर उसने ठगी का तरीका सीखा था। इसके बाद उसने बैंक की जानकार लड़की यानि रेनू से लव मैरिज की और खुद का ठगी का कॉल सेंटर शुरू कर दिया। दोनों लोगों को कॉल कर पॉलिसी रिन्यूवल का झांसा देकर ठगी करते थे। कार में बैठकर करते थे कॉलशातिर को जस्ट डॉयल फ्रेश डेटा 10 रुपये प्रति डेटा, चार बार यूज किया हुआ डेटा 4 रुपये प्रति डेटा और कई बार यूज किया गया डेटा 1 रुपये प्रति डेटा उपलब्ध कराता था। शातिर दिमाग पवन और रेनू अपनी क्रेटा कार में सफर करते समय लोगों को कॉल करते थे, लिहाजा कभी आजमगढ़ तो कभी मऊ तो कभी लखनऊ और कभी नोएडा। लगातार लोकेशन बदलने की वजह से पीछे लगी क्राइम ब्रांच को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इन लोगों की हुई गिरफ्तारी- पवन कुमार निवासी ग्राम सेमरी थाना नगरा बलिया हाल पता हाउस नंबर-26 ऑक्सी होम्स जीआर गार्डन-2 थाना बिसरख ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर
- रेनू निवासी ग्राम आटोपुर थाना कोतवाली मऊ हाल पता हाउस नंबर-26 ऑक्सी होम्स जीआर गार्डन-2 थाना बिसरख ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध नगर