घर का जीआईएस सर्वे कब हो गया? इसका हाउस ओनर्स को पता ही नहीं चला. लोगों को कहना है कि घर आकर न उनसे नगर निगम या प्राइवेट इम्प्लाई मिले और न ही मकान व टैक्स के संबंध में कोई जानकारी की. दस-दस गुना हाउस टैक्स का बिल आने पर लोग नगर निगम के जोनल ऑफिस और रेवेंयू इंस्पेक्टर्स के पास गलत बिलिंग की शिकायत करने पहुंचे तो बताया जा रहा है कि जीआईएस सर्वे हुआ है.

कानपुर (ब्यूरो)। घर का जीआईएस सर्वे कब हो गया? इसका हाउस ओनर्स को पता ही नहीं चला। लोगों को कहना है कि घर आकर न उनसे नगर निगम या प्राइवेट इम्प्लाई मिले और न ही मकान व टैक्स के संबंध में कोई जानकारी की। दस-दस गुना हाउस टैक्स का बिल आने पर लोग नगर निगम के जोनल ऑफिस और रेवेंयू इंस्पेक्टर्स के पास गलत बिलिंग की शिकायत करने पहुंचे तो बताया जा रहा है कि जीआईएस सर्वे हुआ है। मकान की फोटो भी की गई, जिसमें एक्स्ट्रा कंस्ट्रक्शन पाया गया है या फिर पहले से दर्ज कवर्ड एरिया अधिक पाया गया है। इसीलिए टैक्स बढ़ा है। इससे जीआईएस सर्वे वाले वार्डों के पार्षद भी परेशान हैं, लोग उन्हें गलत हाउस टैक्स के बिल को लेकर घेर रहे हैं।

70 वार्डो का हो गया सर्वे
सिटी में 110 वार्ड हैं। नगर निगम के चीफ टैक्स ऑफिसर अनिरूद्ध सिंह के मुताबिक लखनऊ की एक कम्पनी से जीआईएस (जियोग्र्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे कराया गया है। अब तक 70 वार्डो का जीआईएस सर्वे हो गया है। इनके हाउस टैक्स भी बिल जारी कर दिए गए। अब तक एक लाख से अधिक लोगों ने टैक्स भी जमा कर दिया है।

बिल के साथ दो वर्ष का एरियर भी
जीआईएस सर्वे में एक तो ज्यादातर मकानों का कवर्ड एरिया बढ़ गया है। जिससे एनुअल रेंट वैल्यू बढ़ गई और टैक्स भी बढ़ गया है। दूसरे ये टैक्स 2022 से लगाया जा रहा है, बढ़े हुए टैक्स के साथ दो साल का एरियर भी जुड़ा होने की वजह से बिल पिछले वर्ष के मुकाबले दस-दस गुना तक हो गए हैं। नगर निगम इम्प्लाइज के मुताबिक इसकी वजह ये है कि पिछले सर्वे के बाद अब तक मकान में किया गया एक्स्ट्रा निर्माण है। जिससे कवर्ड एरिया बढ़ गया है। इसके साथ ही जीआईएस सर्वे में पहले से गलत दर्ज कारपेट एरिया(कवर्ड एरिया) भी सही होने से टैक्स बढ़ा है।

पहले छूटी हुई प्रॉपर्टीज को टैक्स नेट में लाया जाना चाहिए था, लेकिन जो टैक्स दे रहे हैं उन्हें ही परेशान किया जा रहा है। सदन में पुरजोर तरीके से इसका विरोध किया जाएगा।
--हाजी सुहेल अहमद पार्षद वार्ड 109

वार्ड में जीआईएस सर्वे शुरू किए जाने की पार्षदों तक को नहीं दी गई। मनमाने तरीके टैक्स लगा दिया गया, 14-14 गुना तक बिल बढ़ गए हैं। लोग परेशान हैं। पहले भी एकबार वार्ड में कैम्प लगाकर बिल सही कराए जा चुके हैं। एकबार फिर नगर निगम ऑफिसर्स से मिलकर कैम्प लगवाया जाएगा।
-- रेनू अर्पित यादव, पार्षद वार्ड 45

हमारे वार्ड के मकानों का कब जीआईएस सर्वे हो गया है, मुझे भी नहीं बताया गया। बहुत से घरों में बिल कई-कई गुना तक आ रहे हैं। आरआई से बात करने पर जीआईएस सर्वे का पता चला। लगातार बिल सही कराए जा रहे हैं। इसकी शिकायत महापौर और नगर आयुक्त से की है। सदन में भी मामला उठाया जाएगा।
-- शुभम वर्मा, पार्षद वार्ड 22

जीआईएस सर्वे कम्पनी ने उल्टा-सीधा जैसा मन आया टैक्स लगा दिया है, नगर निगम इम्प्लाइज ने कोई ध्यान भी नहीं दिया। वार्ड में 80 परसेंट लोगों के बिल बढक़र आए हैं। एरियर भी मनमाने समय से लगा दिया गया है। सदन की बैठक में मामला उठाया जाएगा।
-- शालू सुनील कनौजिया, पार्षद वार्ड 14

Posted By: Inextlive