Kanpur News: एक छत के नीचे होंगी सभी जांचें, मोबाइल पर मिलेगी रिपोर्ट, पैथोलॉजी समेत सभी जांचों की सुविधा मिलेगी, पेशेंट की भागदौड़ होगी कम
कानपुर (ब्यूरो)। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट हॉस्पिटल में जल्द ही पेशेंट को एक ही छत के पैथोलॉजी समेत विभिन्न जांचों की सुविधा मिलेगी। इसके लिए हैलट इमरजेंसी के पास उत्तर प्रदेश का पहला बहुमंजली डायग्नोस्टिक हब का निर्माण जल्द शुरु होगा। इस संबंध में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मध्य समझौता हुआ है। पावर ग्रिड सीएसआर फंड से 10.32 करोड़ की लागत से डायग्नोस्टिक लैब हब की स्थापना की जाएगी।
दो दिन पूर्व एमओयू किया साइनहैलट हॉस्पिटल में आने वाले पेशेंट को अभी पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड व माइक्रोबायोलॉजी जांच के लिए विभिन्न बिल्डिंग के चक्कर लगाने पड़ते हैं। जिससे अटेंडेंट के साथ ही पेशेंट को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। इसके अलावा यूजर चार्ज जमा करने के लिए दूसरी बिल्डिंग में जाना पड़ता है। पेशेंट व अटेंडेंट की इस समस्याओं को दूर करने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने डायग्नोस्टिक हब बनाने का प्रस्ताव तैयार कर जगह चिन्हित कर ली है। निर्माण के संबंध में बीते दो दिन पूर्व जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला और पावर ग्रिड कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जनरल मैनेजर जग विजय सिंह ने एमओयू साइन किया है।
पुराना रैन बसेरा तोड़ बनाया जाएगाप्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने बताया कि यह प्रदेश का पहला डायग्नोस्टिक लैब हब होगा, जहां एक ही छत के नीचे सभी जांचों की सुविधा मिलेगा। यह लैब हैलट इमरजेंसी के सामने बनाई जाएगी, जहां वर्तमान में एक रैन बसेरा बना है। उसका ध्वस्तीकरण कराकर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। डायग्नोस्टिक हब का निर्माण 31 मार्च 2027 तक पूरा होना है। जनरल मैनेजर जग विजय सिंह ने बताया कि दिल्ली एम्स, पटना आदि हॉस्पिटल में हेल्थ सुविधा को बढ़ाने पर पावर ग्रिड ने काम किया जाएगा। हैलट में भी डायग्नोस्टिक हब का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा आगे भी पावर ग्रिड जीएसवीएम की मदद करेगा।
पीआईसीयू में मिल रहा बच्चों को लाभजीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के प्रो। यशवंत राव ने बताया कि वर्ष 2022 में पावर ग्रिड ने अपनी सीएसआर फंड से 35 बेड का पीआईसीयू का निर्माण कराया है। तब से लेकर अब तक यहां पर 35 सौ बच्चे एडमिट किए जा चुके है। यहां पर लगे वेंटिलेटर 24 घंटे चालू रहते है, क्योंकि यहां पर सात से आठ सिटीज से बीमार बच्चे पीआईसीयू में ट्रीटमेंट के लिए आते है। जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में पीआईसीयू की सुविधा के लिए लोगों को 30 हजार से 50 हजार रुपये खर्च करने पड़ते है।
इन जांचों की भी मिलेगी सुविधा प्रो। संजय काला ने बताया कि हैलट और मेडिकल कॉलेज में जो जांचें अभी हो रही है, वो सभी जांचें निर्माण के बाद डायग्नोस्टिक लैब हब में होगी। इसके अलावा और भी जांचों की सुविधा यहां पर बढ़ेगी। लैब में हर्मोनल एनेलिसिस, कैंसर, एफएनएसी जांच, रीनल जांच, टिशू मारकर, वेन बयोप्सी समेत आदि जांचों की भी सुविधा बढ़ेगी। जांच की रिपोर्ट पेशेंट व अटेंडेंट के मोबाइल में सीधे आ जाएगी।