ओईएफ ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट के एरिया में अपने कदमों को बढ़ाते हुए बुलेट रेसिस्टेंट जैकेट बीआरजे को बनाया है. बीआरजे में नरम व कठोर आर्मर प्लेट लगाई गई है जो जवान को आगे या पीछे से दुश्मन की ओर से एके 47 और 09 एमएम पिस्टल से 10 मीटर की दूरी से चली गोली को बेअसर कर देगी. ये जैकेट स्टेट पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को दी जाएगी.

कानपुर (ब्यूरो)। ट्रूप कंफट्र्स लिमिटेड की कानपुर स्थित यूनिट आर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) ने रिसर्च औ डेवलपमेंट के एरिया में अपने कदमों को बढ़ाते हुए बुलेट रेसिस्टेंट जैकेट (बीआरजे) को बनाया है। ओईएफ के जीएम डॉ। अनिल रंगा ने बताया कि बीआरजे में नरम व कठोर आर्मर प्लेट लगाई गई है जो जवान को आगे या पीछे से दुश्मन की ओर से एके 47 और 09 एमएम पिस्टल से 10 मीटर की दूरी से चली गोली को बेअसर कर देगी। ये जैकेट स्टेट पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को दी जाएगी। काम्बैट ड्यूटी पर तैनात जवानों को, वीआईपी की सिक्योरिटी और आतंकी-नक्सल ग्रस्त एरियाज में ड्यूटी करने वाले जवानों के लिए यह जैकेट मददगार होगी।

एनएफएसयू ने लेवल पांच स्टैैंडर्ड पर परखा

इस जैकेट को नेशनल फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू), गुजरात में लेवल पांच स्टैंडर्ड की कसौटी पर परखा गया है। यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने जैकेट को जवानों के लिए सुरक्षित माना है। बीआरजे को लेवल पांच का दर्जा मिलते ही केरल पुलिस को 170 जैकेट दे दी गई। बताया कि केरल पुलिस ने जैकेट को ट्रायल के लिए लिया था। पसंद आने पर खरीद लिया है। जैकेट की कीमत 84000 रुपए है।

वजन और कीमत को घटाया

ओईएफ की ओर से लांच किए गए भाभा कवच का यह अपग्रेड वर्जन हैैं। भाभा कवच की कीमत 1.40 लाख और वजन 9.6 किलो था। जबकि बीआरजे की कीमत 84000 और वजन 6.5 किलो है। वजन कम होने का सबसे बड़ा बेनीफिट जवानों को मिलेगा कि वह इसको पहनने के बाद जल्दी थकेंगे नहीं। वहीं कीमत कम होने की वजह से इसको खरीदना भी फोर्सेज के बजट में होगा।

Posted By: Inextlive