पांडु नदी में बाढ़ की वजह से साउथ सिटी के मेहरबान सिंह पुरवा वरुण विहार बर्रा 8 पनका बहादुर नगर आदि इलाकों में रहने वाले हजारों लोग परेशान हैं. रोड से लेकर घर के अंदर तक दो से तीन फीट पानी भरा हुआ है. गृहस्थी पानी में तैर रही है. न सोने की जगह बची है न खाना बनाने की. दिन हो रात पानी घटने के इंतजार में खुले आसमान के नीचे कट रहे हैं. कई लोगों को तो पूरी गृहस्थी छत पर ले जानी पड़ी है. प्रशासन से कोई मदद मिल नहीं रही है. इस बीच फ्राईडे गंगा भी उफान पर आ गई. गंगा का जलस्तर चेतावनी ङ्क्षबदु पार कर 113 मीटर के ऊपर पहुंच गया.

कानपुर (ब्यूरो)। पांडु नदी में बाढ़ की वजह से साउथ सिटी के मेहरबान सिंह पुरवा, वरुण विहार, बर्रा 8, पनका बहादुर नगर आदि इलाकों में रहने वाले हजारों लोग परेशान हैं। रोड से लेकर घर के अंदर तक दो से तीन फीट पानी भरा हुआ है। गृहस्थी पानी में तैर रही है। न सोने की जगह बची है न खाना बनाने की। दिन हो रात पानी घटने के इंतजार में खुले आसमान के नीचे कट रहे हैं। कई लोगों को तो पूरी गृहस्थी छत पर ले जानी पड़ी है। प्रशासन से कोई मदद मिल नहीं रही है। इस बीच फ्राईडे गंगा भी उफान पर आ गई। गंगा का जलस्तर चेतावनी ङ्क्षबदु पार कर 113 मीटर के ऊपर पहुंच गया। गंगा के किनारे बसे गांवों के रास्तों पर पानी पहुंच गया। किनारे बसे घरों के अन्दर भी पानी पहुंच गया। इससे एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर्स की परेशानी बढ़ गई है।

पनका पुल बना सहारा
पनका बहादुर नगर में रहने वाले राहुल ने बताया कि पांडु नदी में बाढ़ के कारण सभी रास्ते डूबे हुए हैं। कई घरों के अन्दर पानी भर गया है। उन्हें छत पर सोना पड़ा और वहीं खाना बनाना पड़ा। कुछ समय पहले बने पनका पुल की अप्रोच रोड भी डूब गई। बस पुल दिखाई पड़ रहा है। उसी के अंदाजे से लोग जैसे तैसे पुल पार कर बाईपास पर जा रहे है। वहीं कृष्णा ने बताया कि बंगाली कालोनी व बंगालीपुरवा के रास्तों पर भी कई-कई फीट तक पानी भरा हुआ है। अब तक पनका बहादुर नगर में एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई हेल्प करने नहीं पहुंचा है।

4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा
शहर में भले ही बारिश न हो रही हो, शुक्रवार को तेज धूप भी रही लेकिन पीछे के बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा और पांडु नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ आई हुई है। नरौरा बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इसी वजह से थर्सडे यानि 19 सितंबर को जहां शुक्लागंज साइड गंगा का जलस्तर 112.93 मीटर था, वहीं 20 सितंबर को यह बढक़र 113.09 मीटर हो गया है। इधर बैराज से 4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। इससे बैराज के नीचे गंगा नदी के बांये तट पर स्थित लोधवा खेड़ा, चैनपुरवा, धारमखेड़ा, देवनीपुरवा नई बस्ती, मंगलपुरवा बड़ा, मंगलपुरवा छोटा, पहाडीपुर, कटरी शंकरपुर सराय, नत्थापुरवा, रामनिहालपुर, मेघनपुरवा, कल्लूपुरवा, कच्ची मडैया सहित कई गांवों में पानी पहुंचने लगा।

नवाबगंज में गंगा कटरी के भगवानदीन पुरवा गांव तक गंगा का पानी पहुंच गया है। किनारे स्थित कई घरों में पानी भर गया है। कुल मिलाकर अब खतरे के निशान 114 मीटर से सिर्फ 91 सेंटीमीटर दूर है। तेजी से कटान हो रही है। इरीगेशन डिपार्टमेंट के एक्सईएन पंकज गौतम ने बताया कि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते गंगा के किनारे के गांवों में पानी पहुंच रहा है। वहीं गंगा के बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन की चिंता भी बढ़ा दी है। अफसर लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं। लोगों को गंगा से दूर रहने के लिए कहा जा रहा है। फिलहाल बाढ़ राहत चौकी बना दी गई है।

Posted By: Inextlive