Kanpur News: कटरी एरिया में कटान तेज, प्रशासन की पैनी नजर, लेखपालों और रेस्क्यू टीम को किया अलर्ट
कानपुर (ब्यूरो)। गंगा का जलस्तर बढऩे से तटों के किनारे कटान तेज हो गई है। बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। कई गांवों के पास तक मंगलवार को पानी पहुंच गया। इससे डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन अलर्ट हो गया है, जबकि एसडीएम सदर प्रखर कुमार ङ्क्षसह स्वयं हालात पर नजर रखे हुए हैं। तहसीलदार रितेश कुमार ङ्क्षसह ने ग्रामीणों को अलर्ट किया है। लेखपालों की सक्रियता भी बढ़ा दी गई है। कर्मचारियों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
गंगा के तटवर्ती चैनपुरवा, धारमखेड़ा, भगवानदीन पुरवा, कटरी के डिमनी पुरवा गांव के समीप तक मंगलवार शाम पानी पहुंच गया। हालांकि, अभी किसी भी गांव के अंदर पानी नहीं पहुंचा है। फिर भी एहतियातन ग्रामीणों को सजग कर दिया गया है। बैराज व उसके आसपास तट पर बढ़ी कटान को लेकर लोगों को किनारे खड़े होने से रोका जा रहा है। अटल घाट की ओर गंगा के पास सेल्फी लेने से भी लोगों को रोका जा रहा है, जिससे किसी तरह का हादसा न हो। एसडीएम सदर एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रखर ने बताया कि गंगा में जलस्तर फिर बढ़ा है। इसलिए ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 1070 व 1077 जारी किए गए हैं।
रेस्क्यू से पहले रिहर्सल
डीएम राकेश कुमार ङ्क्षसह ने सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में बैठक में मंगलवार को बताया कि बाढ़ प्रभािवत शहर को अति संवेदनशील श्रेणी में रखकर अफसरों को पूर्वाभ्यास के आदेश दिए गए हैं। इसके तहत हेलीकाप्टर से बचाव, राहत पहुंचाने संबंधी गतिविधियां शामिल होंगी। आपदा पर तत्काल मदद करने वाली टीम जलस्तर बढऩे व गांवों में पानी घुसने पर नजर रखेगी। बताया कि बाढ़ आपदा के नोडल अधिकारी अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व होंगे। जिले में जहां जलस्तर बढ़ा है, गांवों में पानी घुसा या ऐसी स्थितियां बन रही हैं। बाढ़ आपदा टीमें दौरा करेंगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य का पूर्वाभ्यास होगा। बाढ़ आने पर मदद व अफवाहों को रोकने के लिए भी पूर्वाभ्यास होगा।
डीएम ने बताया कि किसी भी तरह की अफवाह फैलने से रोकने के लिए लोगों को पूर्वाभ्यास में जानकारी दी जाएगी। प्रमुख स्थानों पर पोस्टर-बैनर लगेंगे। पूर्वाभ्यास में बाढ़ क्षेत्रों से निकासी अभ्यास, हेलीकाप्टर से बचाव, राहत व रसद पहुंचाने संबंधी गतिविधि, हेलीकाप्टर से हताहत की निकासी आदि शामिल है। इन सभी गतिविधियों की जानकारी वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग से दी जानी है। हवाई राहत बचाव की फुटेज उपलब्ध करानी होगी।