जू में जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए सालों पहले 20 लाख से बना इलेक्ट्रिक शवदाह गृह कबाड़ हो जाने के बाद नया डीजल शवदाह गृह बनकर तैयार हो गया है. जू के अस्पताल के भीतर 70 लाख कीमत से इंसीनरेटर तैयार किया गया है. इस इंसीनरेटर को डीजल से चलाया जाएगा. इस शवदाह गृह को तैयार किया जा चुका है. हरे रंग की टिन से ढके शवदाह गृह को बस फीता काटे जाने का इंतजार है. शवदाह गृह के बाहर लोकार्पण का पत्थर लगा है जिसको फिलहाल कागज से ढककर रखा गया है. जल्द ही लोकार्पण के बाद जू में अंतिम सांसे लेने वाले जानवरों का अंतिम संस्कार इसी शवदाह गृह में होगा.

कानपुर (ब्यूरो)। जू में जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए सालों पहले 20 लाख से बना इलेक्ट्रिक शवदाह गृह कबाड़ हो जाने के बाद नया डीजल शवदाह गृह बनकर तैयार हो गया है। जू के अस्पताल के भीतर 70 लाख कीमत से इंसीनरेटर तैयार किया गया है। इस इंसीनरेटर को डीजल से चलाया जाएगा। इस शवदाह गृह को तैयार किया जा चुका है। हरे रंग की टिन से ढके शवदाह गृह को बस फीता काटे जाने का इंतजार है। शवदाह गृह के बाहर लोकार्पण का पत्थर लगा है, जिसको फिलहाल कागज से ढककर रखा गया है। जल्द ही लोकार्पण के बाद जू में अंतिम सांसे लेने वाले जानवरों का अंतिम संस्कार इसी शवदाह गृह में होगा।

एनजीटी के मानकों पर
डीजल से चलने वाले नए इंसीनरेटर में होने वाला अंतिम संस्कार पाल्यूशन फ्री होगा। इसमें तीन वाटर चैैंबर हैैं जो कि धुएं को फिल्टर करने के बाद रिलीज करते हैैं। धुआं छोडऩे के लिए जो चिमनी बनी है वह 110 फिट की हाइट पर है। बताया जा रहा है इस मशीन को एनजीटी के मानकों के अनुरुप तैयार किया गया है।

700-800 डिग्री होगा टेंप्रेचर
इस इंसीनरेटर में डेड जानवरों को पीएम के बाद ट्रे में रखा जाएगा। इसमेें दो ट्रे लगी है, जिसमें एक स्माल और एक लार्ज है। स्माल ट्रे में छोटे और लार्ज ट्रे में बड़े जानवरों की बॉडी को रखा जाएगा। मशीन को स्टार्ट करने के बाद एक ऐसी स्पेशल मैटेरियल की ब्रिक लगी है जो कि कुछ समय में ही मशीन के टेंप्रेचर को 700-800 डिग्री सेल्सियस कर देती है। ट्रे के मशीन में जाते ही चंद मिनटों में जानवर की बॉडी राख में बदल जाएगी।

अभी तक लकड़ी से होता
इलेक्ट्रिक शवदाह गृह के खराब होने के बाद से जानवरों का अंतिम संस्कार लकड़ी से किया जाता था। लकड़ी से होने वाले अंतिम संस्कार में पाल्यूशन होता था। इसके अलावा लकडिय़ों की आवश्यकता पड़ती थी। अब नए इंसीनरेटर के लगने के बाद लकड़ी की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही पाल्यूशन भी नहीं होगा।

पुराने वाले पर सब खामोश
जू के अस्पताल मेें जानवरों के लिए सालों पर पहले इलेक्ट्रिक शवदाह गृह को लगाया गया था। इसकी कीमत कितनी थी और इसमें कितने जानवरों का अंतिम संस्कार हुआ है इस पर सभी खामोश हैैं। सूत्र बताते हैैं कि लगभग 20 साल पहले 20 लाख की कीमत से इलेक्ट्रिक शवदाह गृह को स्थापित किया गया था। ट्रे छोटी होने की वजह से वहां केवल एक ही बड़े वन्य जीव का अंतिम संस्कार हो सका था। हालांकि वह बीते कई सालों से खराब है जो कि अब स्क्रैप वाली कंडीशन में पहुंच चुका है।

Posted By: Inextlive