हाथरस में आयोजित नारायण साकार हरि भोले बाबा के मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम में औंग व आसपास से भी एक बस के जरिए अनुयायी गए हुए. ये अनुयायी एक दूसरे को महापुरुष कहते हैं. समागम पांडाल में ये सभी लोग पीछे बैठे हुए थे. समागम के बाद पीछे की ओर से ही सभी अनुयायी निकल कर अपनी बस की ओर चल दिए.

कानपुर (ब्यूरो)। हाथरस में आयोजित नारायण साकार हरि भोले बाबा के मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम में औंग व आसपास से भी एक बस के जरिए अनुयायी गए हुए। ये अनुयायी एक दूसरे को महापुरुष कहते हैं। समागम पांडाल में ये सभी लोग पीछे बैठे हुए थे। समागम के बाद पीछे की ओर से ही सभी अनुयायी निकल कर अपनी बस की ओर चल दिए। जिससे सभी अनुयायी सकुशल अपने घरों को वेडनसडे को लौट आए हैं। इन्हीं में से शामिल एक अनुयायी औंग निवासी राजकुमार की जुबानी बताते हैं पूरी कहानी।

एक दूसरे को महापुरुष कहते अनुयायी
राजकुमार के मुताबिक, वह अपनी पत्नी अनीता, भाई अनिल कुमार, गांव के राजन पटेल आदि के साथ बस से समागम में शामिल होने के लिए मंडे की शाम हाथरस गए थे। बस में आसपास के खदरा, भवसेरी खेड़ा, सूबेदारखेड़ा, शिवराजपुर आदि गांवों में रहने वाली अनुयायी भी शामिल थे। कुल मिलाकर संख्या 65 थी। सभी एक-दूसरे अनुयायियों को महापुरुष कहकर पुकारते हैं। मंगलवार की सुबह 8 बजे समागम स्थल पर पहुंचे। जिसके कारण उन सभी को पांडाल में सबसे पीछे की ओर जगह मिल सकी। समागम करीब 1.30 बजे खत्म हुआ और वह सभी लोग पीछे से बस की ओर लौट गए। जो समागम स्थल से चार किलोमीटर दूर खड़ी हुई थी। बस में पहुंचने पर 4 लोग नहीं थे, जिनका काफी इंतजार किया, न मिलने पर तलाशते हुए समागम स्थल पर पहुंचे तो घटना की जानकारी हुई। हालांकि जब समागम स्थल से बस तक पहुंचे तो चारों लोग पहुंच गए थे।

हर कार्यक्रम में होते हैं शामिल

राजुकमार के मुताबिक, वह बाबा के लगभग सभी कार्यक्रम में शामिल होने जाते थे। कई बार फैमिली के साथ कार से गए हैं। 20 दिन पहले वह मैनपुरी प्रवास पर थे। इससे पहले चुनाव आचार संहिता के कारण कोई समागम या अन्य कार्यक्रम नहीं हुआ। इलेक्शन से पहले ग्वालियर में हुए कार्यक्रम में भी गए थे।

डेली करते हैं वन्दना
राजकुमार के मुताबिक, नारायण साकार हरि भोले बाबा को फूल, प्रसाद कुछ नहीं चढ़ाया जाता है। न ही दान-दक्षिणा लेती है। कमेटी ही समागम या अन्य कार्यक्रम कराती थी। डेली हम लोग &हे मेरे नारायण साकार हरि जी सिन्धु करूणा कीजिए, हूं अधम अधीन शरण में लीजिए&य और &दयाकर दानभक्ति का साकार.&य वन्दना करते हैं। कानपुर में भी हजारों की संख्या में महापुरूष रहते हैं। जो कि चौबेपुर, घाटमपुर, नौबस्ता, कानपुर देहात, कल्याणपुर आदि इलाकों में रहते हैं। नारायण साकार हरि चौबेपुर, घाटमपुर, बाराजोर कानपुर देहात, रेसकोर्स मैदान आवास विकास हंसपुरम में आयोजित समागम कार्यक्रम में आ चुके हैं।

Posted By: Inextlive