Kanpur News: हत्या के आरोपों से बरी नहीं 5 पुलिसकर्मी, 27 अगस्त को चार्ज होंगे रिफ्रेम
कानपुर (ब्यूरो)। यूपी में चर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। मनीष पक्ष के एडवोकेट केके शुक्ला ने बताया कि 31 जुलाई को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद पांचों आरोपियों पर चार्ज फ्रेम करने के आदेश दे दिए हैैं। 27 अगस्त को इन पर चार्ज फ्रेम किए जाएंगे। ये प्रक्रिया सीबीआई की राउस एवेन्यू कोर्ट में होगी। इस हत्याकांड में एक इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर, एक मुख्य आरक्षी और एक आरक्षी दोषी पाए गए थे। गया था। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। मामला सीबीआई कोर्ट में ट्रांसफर हुआ। ट्रायल के दौरान सीबीआई ने भी चार्जशीट दाखिल कर दी, जिसके बाद सभी आरोपियों को गोरखपुर जेल से तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। कोर्ट ने केवल इंस्पेक्टर को दोषी माना था, जिसके बाद सभी पांच आरोपियों के खिलाफ लगा हत्या का चार्ज हटा दिया गया था, मारपीट में सभी को दोषी बताया गया था। पीडि़त पक्ष ने हाईकोर्ट में सभी आरोपियों पर हत्या का चार्ज फ्रेम करने के लिए एप्लीकेशन दी थी।
दोबारा होगी सुनवाई
प्रकरण में सीबीआई कोर्ट ने आरोपी सात में से पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या की धारा हटा ली थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को आदेश दिया है कि वह अपने आदेश की दोबारा समीक्षा करे। हाईकोर्ट का मानना है कि पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या की धारा हटाना सही नहीं है। मनीष पक्ष के एडवोकेट केके शुक्ला ने बताया कि 31 जुलाई को हाई कोर्ट से आदेश जारी किया गया कि एक्यूस्ड नंबर वन यानी इंस्पेक्टर जगत नारायण को छोडक़र जिन पुलिस कर्मियों पर हत्या का चार्ज हटाया गया है। उन पर चार्ज फ्रेम किया जाए। 27 अगस्त को सीबीआई की रोउज एवेन्यू कोर्ट में सब- इंस्पेक्टर राहुल दुबे, सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत के खिलाफ हत्या का चार्ज रिफ्रेम किया जाएगा।
सीबीआई को हुई थी जांच ट्रांसफर गोरखपुर में हुए इस जघन्य हत्याकांड की आंच कानपुर तक पहुंच गई। तत्कालीन अधिकारियों ने एक एसआईटी गठित की और जांच शुरू हुई। एक महीने बाद ये जांच सीबीआई को दे दी गई। जनवरी 2022 के पहले सप्ताह में सीबीआई ने इनवेस्टिगेशन पूरी कर दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसके बाद गोरखपुर जेल में बंद आरोपी पुलिसकर्मियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
ये था पूरा मामला
27 सितंबर 2021 को कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने के लिए गए थे। तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में रात में पुलिस मनीष व उनके दोस्तों की पिटाई कर दी थी। इससे मनीष की मौत हो गई थी। दूसरे दिन मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर पुलिस ने हत्यारोपी निरीक्षक जगत नारायण सिंह, सब- इंस्पेक्टर राहुल दुबे, सब इंस्पेक्टर विजय यादव, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत के खिलाफ मारपीट कर हत्या का केस दर्ज किया गया था। केस दर्ज होने के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे। कुछ दिन बाद पुलिस का दबाव परिवार पर पडऩे की वजह से एक-एक कर सभी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इंस्पेक्टर को छोड़ बाकी सभी आरोपियों ने इस मामले में इंस्पेक्टर को दोषी बताया था।