Kanpur News: सीधे गंगा में गिर रहे हैं 11 नाले
कानपुर (ब्यूरो)। महाकुंभ को लेकर गंगा और यमुना के साथ ही इनकी सहायक नदियों में नालों का गंदा पानी रोकने के शासन के निर्देश दिए हैं। जिससे श्रृद्धालु अविरल निर्मल पानी में स्नान कर सकें। उसके बावजूद इस आदेश का अमल हकीकत में होता नहीं दिख रहा है। अभी भी मां गंगा की गोद में गंदे नाले का पानी गिर रहा है। सिटी के 22 नालों में 11 नाले ऐसे हैं, जिनका पानी सीधे गंगा नदी में जा रहा है। यह दावा पाल्यूशन कन्ट्रोल डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स ने किया है।
अक्टूबर थी डेडलाइन
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, अक्टूबर तक नगर निगम को नालों का पानी गंगा में गिरने से रोकना था, लेकिन अब तक नगर निगम के आफिसर ने कोई कार्य नहीं किया है। वहीं नगर निगम और जल निगम के अफसरों का दावा है कि केवल पांच ऐसे नाले हैं, जो अनटैप्ड हैं, उनमें बायोरेमिडेशन कार्य किया जा रहा है। शेष नालों में पहले से बायोरेमिडेशन का कार्य हो रहा है।
एक दूसरे पर आरोप
गंगा में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए अरबों रुपये खर्च करके सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए हैं। इसके बाद भी गंगा नदी में गंदे नालों का पानी जाना बंद नहीं हुआ। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम के अफसर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। उनकी इस लड़ाई में गंगा नदी में पॉल्यूशन गिर रहा है। पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड प्रतिदिन गंगा में गिर रहे नालों की जांच करता है।
बोर्ड के आफिसर्स के अनुसार 11 अनटैप्ड नालों से 43 मिलियन लीटर प्रतिदिन गंदा पानी सीधे गंगा नदी में जा रहा है। हालांकि इन नालों में नगर निगम की ओर से बायोरेमिडेशन का कार्य किया जाता है, लेकिन बोर्ड के ऑफिसर्स के निरीक्षण में यह कार्य बहुत कम स्थानों में होता मिला है। जिसके बाद नगर निगम पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। ऑफिसर्स का कहना है कि अगर ऐसी ही लापरवाही होती रही तो गंगा के पानी की क्वालिटी पर प्रभाव पड़ेगा। अक्टूबर तक सभी अनटैप्ड नालों में बायोरेमिडेशन का कार्य पूरा होना था। नगर निगम से तय कंपनी की ओर से देरी की जा रही है। नगर निगम को इस संबंध में लेटर भेजा गया है।
अमित मिश्र, रीजनल पॉल्यूशन कन्ट्रोल ऑफिसर